आस्था का प्रतीक है 200 साल से अधिक पुराना बाबा पैतालेश्वर शिव मंदिर

Mar 22, 2024 - 20:01
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आस्था का प्रतीक है 200 साल से अधिक पुराना बाबा पैतालेश्वर शिव मंदिर

जिला संवाददाता

अमित गुप्ता

कदौरा जालौन

कदौरा/जालौन आस्था का प्रतीक बाबा पैतालेश्वर शिव मंदिर क्षेत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जहा भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग की यहां नियमित श्रद्धालुगण पूजा अर्चना होती है और हर बर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी ही धूमधाम में विशाल शिवबारात का आयोजन जिसमे हजारो की संख्या में लोग मौजूद रहते है ब्लाक क्षेत्र के ग्राम बागी पर बने इस मंदिर को गांव के ही लोग लगतार सेवा देने का कार्य करते चले आ रहे है,ग्रामीणों की माने तो यहाँ आने वालों श्रद्धालुओं को हर मांगी हुई मन्नत पूरी होतो है और ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिये विशेष मान्‍यता रखता है

 कदौरा से 3 किलोमीटर की दूरी हमीरपुर हाइवे किनारे स्तिथ ग्राम बागी में बाबा पैतालेश्वर (शिव मंदिर) के महंत व सेवागार 73 बर्षीय साधू प्रशाद तिवारी दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि ये मंदिर 200 बर्ष से अधिक पुराना है पहले इस मंदिर की जगह पर कूड़ा कचरा फेका जाता है कुछ समय के बाद उसी स्थान पर शिवलिंग निकलने का एक करिश्मा सामने आया और शिवलिंग प्रकट हुई और ग्रामीण यह करिश्मा देख का हैरान हो गये जिसकी सूचना ग्रामीणों ने हमारे बाबा भगीरथ तिवारी को दी गई उन्होंने उस जगह को साफ सफाई करवा कर शिव मंदिर का स्थान बना कर पूजा अर्चना शुरू की गई और हमारे बाबा उस मंदिर के पहले महंत बने और 100 बर्ष तक इस मंदिर में सेवा देते रहे उन्होंने आगे बताया कि गांव के निवासी कल्लू माली भी हमारे बाबा के साथ मंदिर की सेवा में बड़ा योगदान रहा उनके बाद उनके पुत्र भूरा माली भी सेवा देते वर्तमान में भूरा माली के पुत्र शिवभाजन माली मंदिर में सेवा देने का कार्य आज भी जारी है ये मंदिर श्रद्धालुओं का आस्था का केन्द्र बना गया और दूर दराज से लोग आने लगे यहां हर मांगी गई मुराद पूरी होने लगी मुराद पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं द्वारा भंडारा बनवाकर प्रशाद वितरण का कार्य किया जाने लगा  

मंदिर की करामात

कदौरा/जालौन,बाबा पैतालेश्वर(शिव मंदिर) के महंत साधू प्रशाद तिवारी बताते है कि 12 बर्ष पूर्व अपने ग्राम बागी से अपने दो साथियो मथ्थु कुशवाहा,व राम सेवक के साथ कांवर लेकर बिठूर पैदल चलकर गये थे जहा से गंगाजल लेकर आये थे और जब लौटकर वापस आये तो जैसे ही गंगाजल शिवलिंग में चढ़ाया वैसे ही गंगाजल दूध बनकर बहने लगा ये करिश्मा देख ग्रामीणों की आँखे खुली की खुली रह गई और बम बम भोले भंडारी के सदा गूंज उठी जिसकी जानकारी जैसे ही लोगो को हुई मंदिर प्रांगण में भारी भीड़ दूध की धारा देखने के लिये एकत्रित हो गई और उसके बाद बड़ी ही धूमधाम से शिवलिंग की पूजा अर्चना की गई उन्होंने आगे बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर के प्रांगण से विशाल शिवबारात का आयोजन किया जाता है जिसमे बैंड बाजो,व घोड़ा बग्गियों के साथ साथ सुंदर सुंदर विशेष झखिया बारात में शामिल रहती है,और हजारो की संख्या में श्रद्धालु मौजुद रहते है उन्होंने अंत मे जानकारी देते हुए बताया कि हर बर्ष महाशिवरात्रि के मौके पर शिवलिंक चावल के बराबर बढ़ता है जिसकी जीती जागती मिशाल है

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