उत्तर भारत की सबसे बडी़ नागा गद्दी बडा़ स्थान पर गुरूपूर्णिमा पर होगा विशाल भंडारा

Jun 30, 2023 - 18:03
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उत्तर भारत की सबसे बडी़ नागा गद्दी बडा़ स्थान पर गुरूपूर्णिमा पर होगा विशाल भंडारा

अमित गुप्ता

संवाददाता

कालपी (जालौन) कालपी गुरुओं के गुरू महिर्षि वेद व्यास की पावन जन्म भूमि व्यास क्षेत्र में स्थिति उत्तर भारत की सबसे बडी़ नागा गद्दी श्री लक्ष्मीनरायण मन्दिर बड़ा स्थान कालपी धाम में गुरूपूर्णिमा के पावन पर्व 3 जुलाई दिन सोमवार को प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सभी पूज्य नागा, सन्त, महात्मा,साधू ,धर्मानुरागी सज्जन माताएं बहनें सादर आमंत्रित हैं!

श्री लक्ष्मीनारयण मंदिर के पूज्य संत श्री श्री 1008 महंत राम करन दास जी महाराज महामण्डलेश्वर बडा़ स्थान ने बताया कि हर वर्ष गुरु पूर्णिमा अषाण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है ! इस पूर्णिमा को अषाण पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के रूप में भी जाना जाता है!शास्त्रों के अनुशार अषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही वेदों के रचयिता महिर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था सबसे पहले वेदों की शिक्षा महिर्षि वेद व्यास जी ने ही दी थी इस लिए हिन्दू धर्म में उन्हें प्रथम गुरू का दर्जा दिया गया है यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है यह दिन गुरूओं के पूजन को समर्पित है !

गुरू पूर्णिमा के दिन शिष्य गुरु का पूजन कर आशीर्वाद लेते हैं क्योंकि गुरु अज्ञानता के अंधकार से निकाल कर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं! सनातन धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि गुरू ही भगवान के बारे में बताते हैं और इनके बिना ब्रह्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती!गुरू पूर्णिमा गुरू व शिष्य की परम्परा के लिए विशेष होता है! गुरु अपने ज्ञान से शिष्य को सही मार्ग पर ले जाते हैं और भगवान का सक्षातकार करवाते हैं! इस लिए गुरूओं के सम्मान में हर वर्ष यह पर्व मनाया जाता है ! गुरू पूर्णिमा के दिन गुरु के अलावा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है!इस दिन गौ माता की पूजा व सेवा और दान करने से अक्षय पुण्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है !वहीं गुरु की पूजा करने से कुंडली में गुरू दोष समाप्त होता है !

सम्मानित सज्जनों अंत में यही कहना चाहते हैं कि जीवन में गुरू का महत्वपूर्ण स्थान होता है वहीं शास्त्रों में भी कहा गया है कि बिना गुरू के भगवान नहीं मिलते हैं इस लिए जीवन में गुरू का होना अत्यंत आवश्यक है!

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