यमुना नदी का जलस्तर भयाभय स्थिति में, नदी के बीच में निकला सिल्ट (पत्थर) भविष्य के लिए खतरा
वीरेंद्र सिंह सेंगर
पंचनद धाम औरैया:- प्रदेश के ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में पांच पवित्र नदियों यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी के पवित्र महासंगम पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र पर भीषण गर्मी के चलते भौगोलिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है जिसमें पांच पांच नदियों के महासंगम पर भी जल स्तर लगातार कम हो रहा है जिससे यमुना नदी के मध्य में सिल्ट (पत्थर) एक से डेढ़ मीटर की ऊंचाई तक बाहर निकल आया है और नदी में पैदल एक ओर से दूसरी ओर आने जाने के लिए पांज( कम गहराई ) हो गई है और यह स्थिति विगत अतीत काल से अब बनती नजर आ रही है जिससे जल स्तर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
बताते चलें कि और तो और यहां पर प्रस्तावित पंचनद बैराज भी खतरे में पड़ सकता है क्योंकि जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है यहां तक की कुछ नदियां तो बिल्कुल सूख गईं हैं जिसमें कुंवारी नदी के साथ-साथ पहूज भी लगभग लगभग सुखी पड़ी हुई है और यही हाल रहा तो आने वाले समय में पांच-पांच नदियों का महासंगम भी पानी के लिए त्राहि त्राहि कर सकता है क्योंकि बदलते मौसम और भौगोलिक स्थिति से आने वाला भविष्य खतरे से खाली नहीं है।
ज्ञात हो कि जिस प्रकार से इस क्षेत्र में नदियों के अलावा कुओं, हैंड पंपों और तालाब पोखरों का जलस्तर लगातार सीमा से अधिक नीचे गिर रहा है उससे लोगों में भय और आसंकाओं के बादल छाए हुए हैं क्योंकि उनको लगता है कि आने वाला समय कहीं नदी की धारा को जल विहीन न कर दे और यही स्थिति रही तो इस महासंगम पर यदि जलस्तर इतना कम हो गया है तो आने वाले समय में शीघ्र ही खतरे की घंटी बजने वाली है क्योंकि जलस्तर नीचे हो जाने के कारण लोगों ने अपने-अपने कुंओं की साफ-सफाई करवानी शुरू की जिससे जल स्तर बरकरार बना रहे।
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