वायरल फीवर के बढ़ रहे मरीज, डॉक्टर ने सावधानी बरतने की दी सलाह

कोंच /जालौन डॉक्टर संजीव निरंजन ने बताया कि वायरल फीवर एक प्रकार का संक्रमण है । जो वायरस के कारण होता है। इसमें शरीर का तापमान बढ़ जाता है और अन्य लक्षण जैसे कि सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, जुकाम, और थकान होते हैं। बारिश के मौसम में कई प्रकार की बीमारियां बढ़ जाती हैं, जिनमें वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, हैजा, डायरिया, अस्थमा और सांस संबंधी समस्याएं है । बारिश के पानी में मौजूद गंदगी और कीटाणु बरसात के मौसम में बढ़ती नमी, पानी के जमाव से पैदा होने वाले मच्छर, गंदे पानी का सेवन से बढ़ जाती है। इन बीमारियों से बचाव के लिए, बरसात के मौसम में सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे कि साफ पानी पीना, हाथों को बार-बार धोना, मच्छरों से बचाव करना, स्वस्थ खाना खाना, आराम करना, टीकाकरण कराना। वायरल फीवर का इलाज आमतौर पर आराम, तरल पदार्थों का सेवन, और लक्षणों को कम करने के लिए दवाओं का सेवन करना होता है। कुछ मामलों में, एंटीवायरल दवाएं भी दी जा सकती हैं। वायरल फीवर की रोकथाम के लिए, हाथों को बार-बार धोना, खांसी और छींक के दौरान मुंह और नाक को ढकना, स्वस्थ खाना खाना, पर्याप्त आराम करना, और टीकाकरण कराना महत्वपूर्ण है।
वायरल फीवर के कारण विभिन्न प्रकार के वायरस हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य वायरस हैं:
- इंफ्लूएंजा वायरस
- कोरोनावायरस
- एडेनोवायरस
- राइनोवायरस
- रोटावायरस
वायरल फीवर के लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- सरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- खांसी
- जुकाम
- थकान उल्टी दस्त
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