रास्ते में निर्माण कर प्रशासनिक अधिकारियों को चकरघिन्नी की तरह घुमाया

Dec 16, 2024 - 17:32
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रास्ते में निर्माण कर प्रशासनिक अधिकारियों को चकरघिन्नी की तरह घुमाया

स्थगन आदेश को समझे बिना अधिकारी सिकुड़ कर सिमटे

पंचनद न्यूज़ से विजय द्विवेदी 

रामपुरा,जालौन l नगर पंचायत के लाखों रुपए की लागत से बनी सड़क पर दवंग ने अतिक्रमण कर निर्माण कर लिया है जिससे नगरवासियों के निर्माणाधीन मकान अथवा प्लाट तक पहुंचाने का मार्ग पूरी तरह से अवरुद्घ हो गया है l अवैध निर्माण को हटाने के लिए कार्यवाही करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को अतिक्रमणकर्ता द्वारा कानूनी दाव पेंच में फंसाने के लिए न्यायालय से कराए गए ना समझ पाने वाले स्थगन आदेश ने उन्हें चकरघिन्नी की तरह घुमा दिया है l 

नगर पंचायत रामपुरा के वार्ड क्रमांक 3 में आनंद कुमार व आशुतोष पुत्रगण रामशंकर मिश्रा निवासी रामपुरा के द्वारा नगर पंचायत रामपुरा की लाखों रुपए खर्च कर निर्मित कराई गई इंटरलॉक सड़क पर अतिक्रमण करके अवैध निर्माण किए जाने का मामला प्रकाश में आया है l उक्त वर्णित सड़क का उपयोग करने वाले नगर वासियों द्वारा आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत करने के बाद नगर पंचायत रामपुरा के अधिशासी अधिकारी द्वारा दिनांक 18 अक्टूबर एवं दिनांक 23 अक्टूबर को अतिक्रमणकर्ता आनंद कुमार व आशुतोष मिश्रा को सात दिन में अतिक्रमण हटा लेने का नोटिस जारी किया गया l संबंधित मोहल्ला वासियों ने जिलाधिकारी जालौन एवं उप जिलाधिकारी माधौगढ़ को अनेक प्रार्थना पत्र देकर अनके मकान व प्लाट तक जाने का रास्ता खुलवाने व अतिक्रमण हटाने के लिए निवेदन किया l उपजिलाधिकारी माधौगढ़ द्वारा कार्यवाही करते हुए जांच टीम गठित की गई व शिकायत सही पाए जाने पर अधिशासी अधिकारी रामपुरा, नायब तहसीलदार ,राजस्व निरीक्षक व लेखपाल एवं थानाध्यक्ष रामपुरा की संयुक्त टीम बनाकर अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही अमल में ले जाने के निर्देश जारी किए , लेकिन अधिकारियों में कानूनी कार्रवाई करने की दृढ़ इच्छा शक्ति के अभाव में उपजिलाधिकारी का आदेश टांय-टांय फिस्स हो गया l इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी माधौगढ़ व अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत से पूछे जाने पर लगभग एक जैसा जवाब मिला कि द्वितीय पक्ष ने न्यायालय में वाद कायम कर स्थगन आदेश दे रखा है , जबकि हकीकत यह है कि रास्ते में जिस पर नगर पंचायत रामपुरा का लगभग ₹6 लाख सड़क निर्माण में खर्च हुआ है उस नंबर पर कोई स्थगन आदेश नहीं है, संबंधित अधिकारी अतिक्रमण किए जाने वाले स्थल एवं द्वितीय पक्ष द्वारा विवादित अथवा न्यायालय में विचाराधीन तथा स्थगन आदेश वाले स्थान के संदर्भ में यदि किसी जानकार व्यक्ति को जिसे नगर पंचायत की जगह के बारे में स्थगन आदेश की समझ रखने वाले व्यक्ति से सलाह ले तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा कि वास्तव में अतिक्रमण कहां है और स्थगन आदेश कहां का है, लेकिन तथाकथित स्थगन आदेश की ओट लेकर कुछ न करने की युक्ति निकाल कर रखने वाले अधिकारी गंभीर जन समस्या का निदान करने के स्थान पर केंचुओं की तरह सिकुड़ कर बैठ गए हैं जिससे रामपुरा नगर में अन्य जगहों पर अतिक्रमण कर लेने वाले लोगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं l

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