जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा ठप – गर्भवती महिलाएं बेहाल!
उरई ( जालौन )जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेंटर के बंद होने से गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में वे निजी सेंटरों पर महंगे दामों में जांच कराने को मजबूर हैं। वहीं, पुरुष अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा तो चालू है, लेकिन वहां भी महिलाओं के नंबर नहीं लग पा रहे हैं।
हफ्तों से भटक रही हैं गर्भवती महिलाएं
महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेंटर कई दिनों से बंद है और जब इस बारे में सीएमएस सुनीता बनोधा से सवाल किया गया, तो उन्होंने साफ तौर पर जवाब देने से बचते हुए यह कह दिया कि रेडियोलॉजिस्ट इमरजेंसी लीव पर हैं। लेकिन, वह कब तक लौटेंगे, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।
इधर, जिन गर्भवती महिलाओं को पुरुष अस्पताल भेजा जा रहा है, उन्हें भी वहां अल्ट्रासाउंड नहीं मिल पा रहा। पुरुष अस्पताल में रोजाना लंबी कतारें लग रही हैं, और गर्भवती महिलाओं के नंबर ही नहीं आ पा रहे। कई महिलाएं हफ्तों से परेशान हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
फ्री अल्ट्रासाउंड की जगह महंगे निजी सेंटरों का सहारा!
सरकारी अस्पताल में जहां मुफ्त में अल्ट्रासाउंड हो सकता है, वहां गर्भवती महिलाओं को ₹800 से ₹2000 तक खर्च करने पर मजबूर किया जा रहा है। आखिर यह व्यवस्था ठप होने का फायदा निजी सेंटरों को क्यों मिल रहा है? क्या यह किसी दलाल तंत्र को बढ़ावा देने की साजिश है?
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
गर्भवती महिलाओं को एक बार नहीं, बल्कि दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है। पहले तो महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड बंद, और जब वे पुरुष अस्पताल जाती हैं, तो वहां भी नंबर नहीं लग पाते।
क्या स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर महिलाओं को यूं ही परेशान और आर्थिक रूप से शोषित किया जाता रहेगा?
प्रशासन को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, ताकि गर्भवती महिलाओं को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सके और उन्हें निजी सेंटरों पर जाने को मजबूर न होना पड़े।
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