शवे बारात पर्व को लेकर इबादतगाहों में हुई तैयारीयां
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अमित गुप्ता
कालपी जालौन मोमिनों का प्रमुख पर्व शवे बारात आगामी 13 फरवरी को परम्परागत तरीके से मनाया जायेगा।इस्लामी साल का ये आठवां महीना है जिसे शाबान यानी शबे बारात के नाम से जाना जाता है और इस मुबारक महीने में एक ऐसी मुबारक रात आती है। जिसमें अल्लाह की जानिब से बहुत रहमते बरकतें नाज़िल होती हैं।यह बात दारुल उलूम गौसिया मजिदिया के प्रबंधक हाफिज इरशाद अशरफी ने कही।
उन्होंने बताया कि पैगंबर ए आज़म हुजूर नबी ए करीम ने इरशाद फरमाया कि जब शाबान की पंद्रहवीं रात आए तो उस रात को जागो(क़याम करो) पूरी रात अल्लाह को राजी करने के लिए इबादत करो नमाज़ों में अपने सर को झुकाओ।
इस मुबारक रात में अल्लाह अपने बंदों से मुखातिब होकर इरशाद फरमाता है कि क्या है कोई जो अपने गुनाहों से तौबा करे मैं उसकी तौबा कुबूल करूं, क्या है कोई रोजी मांगने वाला मैं उसे रोज़ी अता करू, क्या है कोई बख्शिश मांगने वाला कि मैं उसे बक्श दूँ यहां तक कि ये निदा होते-होते सुबह हो जाती है, तो मालूम हुआ कि ये रात बड़ी मुक़द्दस रात है इसे यूं ही गफलत में न गुज़ारे बल्कि इसमें खूब इबादत करें नमाज़े नफिल पढ़े अपनी तौबा की माफी मांगे।
हाफिज इरशाद अशरफी ने लोगो से गुजारिश की है कि इस रात में ऐसा कोई काम ना हो जिससे किसी दूसरे इंसान को तकलीफ पहुंचे हर किसी का ख्याल रखा जाए और जो नौजवान सड़कों पर बाइक से स्टंड करते हैं उनको समझाकर रोका जाए कि इस तरह अपनी जिंदगी से खिलवाड़ न करें।इस सिलसिले में तकिया मस्जिद के इमाम हाजी मुजीब अल्लामा तथा दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के प्रिंसिपल मुफ्ती तारिक बरकाती ने कहा कि इस मुबारक रात के बारे में किताबों में बहुत फ़ज़ीलते बरकतें लिखी गई है,
जो इन्सान दुनिया में आने वाला होता है या दुनिया से जाने वाला होता है उसका नाम भी इस मुबारक रात में लिखा जाता है, हमारे प्यारे नबी ने बताया कि इस रात की अहमियत को समझो जानो और इसकी कद्र करो अपने रब को राजी करने के लिए पूरी रात को उसकी रज़ा की खातिर नमाज़ों की तिलावत का एहतिमाम करो अपने तमाम मरहूमीन की मगफिरत की दुआ करें। और 13 फरवरी की रात जागकर 14 फरवरी का रोजा रखो इसका बड़ा सबाब है। शबे बारात को लेकर के प्राचीन कर्बला तथा इबादत गांव में तैयारी की गई है। नगर पालिका परिषद कालपी के प्रभारी लिपिक शिशुपाल सिंह यादव पप्पी ने बताया कि इबादत गांहो के आसपास सफाई की मुक्त व्यवस्था रखी जाएगी।
फोटो- शवे बारात पर्व को लेकर जानकारी देते मुस्लिम धर्मगुरु
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