फर्जी बाड़ा - श्मशान घाट का काम अधूरा भुगतान पूरा

माधौगढ़ (जालौन)। विकासखंड माधौगढ़ की ग्राम पंचायत मींगनी में अंत्येष्टि स्थल निर्माण कार्य में गड़बड़ी का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि कार्य का केवल 20 फीसदी हिस्सा ही धरातल पर हुआ, लेकिन विभागीय रिकॉर्ड में इसे पूर्ण दर्शाकर 22 अप्रैल 2025 को 10 लाख रुपये से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया गया।
इस पूरे प्रकरण में सबसे अहम भूमिका ब्लॉक के जूनियर इंजीनियर (जेई) चंद्रभान की बताई जा रही है। आरोप है कि उन्होंने बिना भौतिक सत्यापन के कार्य को ‘पूर्ण’ बताया, जिसके आधार पर भुगतान जारी हुआ। यह मामला अब भ्रष्टाचार के सीधे प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है।
बीडीओ का बयान और दस्तावेजों से विरोधाभास
खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) गणेश वर्मा का कहना है कि “भुगतान नहीं हुआ है।” हालांकि विभागीय दस्तावेजों में दर्ज भुगतान तिथि और राशि उनके बयान को गलत साबित कर रही है। यह विरोधाभास खुद बीडीओ की भूमिका पर सवाल खड़े करता है।
सूत्र बोले—जैसे ही भनक लगी, मचा हड़कंप
विभागीय सूत्रों के अनुसार, घोटाले की आंशिक जानकारी मिलने पर ब्लॉक कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में संबंधित लिपिक से रिपोर्ट मांगी गई है। अब यह देखा जा रहा है कि रिपोर्ट में क्या छिपाया जाता है और क्या बताया जाता है।
ग्रामीणों ने दिखाया निर्माण स्थल, बोले—मात्र 20% काम हुआ
मींगनी गांव के कुछ ग्रामीणों ने पत्रकारों को निर्माण स्थल दिखाया, जहां साफ देखा गया कि पिलर अधूरे हैं, छत नहीं डली है, और फर्श भी नहीं बना। ग्रामीणों का कहना है कि "काम सिर्फ दिखावे के लिए शुरू हुआ था, लेकिन असली खेल तो भुगतान में हुआ।"
प्रशासन पर उठे सवाल, कार्रवाई की मांग
अब सवाल यह है कि बिना कार्य के भुगतान कैसे हुआ? जेई ने रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कैसे किए? क्या जिम्मेदार अफसरों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या मामला फाइलों में दबा दिया जाएगा?
सरकार की साख दांव पर है। अब देखना है कि जिलास्तर से शासन तक इस पर कितनी गंभीरता दिखाई जाती है।
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