मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र से ट्रेनिंग पाकर स्वावलंबी बने- प्राचार्य
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/ जालौन कालपी ग्रामीण अंचलों में युवक युवतियों को कुटीर उद्योग की स्थापना एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य शिशुपाल गोयल के द्वारा कार्यक्रमों को चलाया जा रहा है । कार्यक्रमों का उत्साह जनक परिणाम सामने आ रहे हैं। केंद्र में प्रशिक्षण हासिल करके युवक-युवतियों को रोजगार का लाभ हासिल हुआ है। मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र कालपी के प्राचार्य शिशुपाल गोयल ने बताया कि मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी, 34 वर्षों से कानपुर, झांसी तथा चित्रकूट मंडल में स्थापित खादी तथा ग्रामोद्योग का एकमात्र केंद्र है। ग्रामीण क्षेत्र के 18 वर्ष से ऊपर के युवक-युवतियों परंपरागत कारीगरों को उनके स्वयं का उद्योग स्थापित कर स्वालम्बी बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में रोजगार सृजन के अवसर प्रदान कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र में 15 दिवसीय कौशल सुधार प्रशिक्षण, 10 दिवसीय व्यवहारिक, माटी कला बोर्ड की योजना के अंतर्गत की तीन दिवसीय आधुनिक उपकरण संचालन प्रशिक्षण, सात दिवसीय मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना अंतर्गत व्यवहारिक प्रशिक्षण, एक जनपद एक उत्पाद तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण के माध्यम से मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र रोजगार स्थापना में योगदान हैं। मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र में सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, फैशन डिजाइनिंग, रेडीमेड गारमेंट, पेंटिंग, बैग बनाना, मोमबत्ती, अगरबत्ती, मसाला, उद्योग सोलर चरखा, डिटर्जेंट केक पाउडर, दोना पत्तल, संशोधन बेकरी उद्योग, कंप्यूटर प्रशिक्षण आदि की ट्रेनिंग कराई जा रही है। प्राचार्य के मुताबिक हजारों युवक युवतियां प्रशिक्षण पाकर उद्योगों की स्थापना कर चुके तथा स्वावलंबी भी बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार को उपलब्ध कराना शासन की मंशा है। शासन की मंशा के अनुरूप मंडलीय ग्रामोद्योग प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं।
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