द्वापर युग से सिद्ध पीठ जालौन वाली माता मंदिर पर जल रही है अखंड ज्योति

Oct 18, 2023 - 07:56
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द्वापर युग से सिद्ध पीठ जालौन वाली माता मंदिर पर जल रही है अखंड ज्योति

 पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान महर्षि वेदव्यास से करवाई थी देवी स्थापना

 ब्यूरो के के श्रीवास्तव जालौन 

 उरई जालौन कुठौंद से 15 किलोमीटर दूर जालौन खुर्द गांव में यमुना किनारे बिहड़ क्षेत्र में स्थित भारत में 51 सिद्ध पीठ है जिसमें एक सिद्धपीठ जालौन वाली माता मंदिर है जहाँ नवरात्रि में लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं मां जालौन वाली माता मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था अज्ञातवास के दौरान यहां पर पांडवों ने तपस्या की थी जिससे मां जयंती यहां पर प्रकट हुई थी उसके बाद पांडवों ने महर्षि वेदव्यास को बुलाकर मंदिर की स्थापना कराई थी पुजारी सर्वेश द्विवेदी मदन शुक्ला ने बताया पांडव काल से ही यहां पर अखंड ज्योति जल रही है यह ज्योति निरंतर जलती रहती है मंदिर की मान्यता है कि यहां पर जो सच्चे मन से माता रानी के दर्शन करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है मंदिर पर पहुंचते ही अलग शांति की अनुभूत होती है। मंदिर पर नवरात्रि में प्रतिदिन भंडारा चलता है मंदिर मैं नवरात्र में औरैया इटावा झांसी कानपुर देहात मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र बिहार आदि प्रदेशों से लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन को आते हैं मंदिर में एक सैकड़ा से अधिक पुजारी नियुक्त हो चुके हैं यमुना नदी के किनारे में एक ऊंचे टीले पर बना जालौन वाली माता मंदिर कई मील दूर से दिखाई देता है। मंदिर में मां जयंती देवी विराजमान है लेकिन मंदिर को जालौन वाली माता के नाम से जाना जाता है। मंदिर में कई मंत्री और विधायक आदि लोगों ने आकर माथा टेका और उनकी मनोकामना पूर्ण हुई माता जी के दर्शन का ऐसा प्रभाव है

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