बारसंघ कालपी के अध्यक्ष ने तहसील प्रशासन पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप, भेजी शिकायतें

Mar 1, 2024 - 18:07
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बारसंघ कालपी के अध्यक्ष ने तहसील प्रशासन पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप, भेजी शिकायतें

अमित गुप्ता

कालपी जालौन

कालपी/जालौन कालपी बार संघ अध्यक्ष एड गयादीन अहिरवार ने अधिवक्ताओ की शिकायतों पर जांच कराने के बाद आमसभा की मीटिंग में सर्व सम्मति से निर्णय लेने के बाद जहाँ सभी अधिवक्ता हड़ताल पर हैं वही विभिन्न भ्रष्टाचार के मामलों की तथ्यात्मक शिकायतें राजस्व परिषद, राजस्व मंत्री समेत मुख्यमंत्री को भी भेजी हैं।

      अधिवक्ताओं की पीड़ा समझते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए बार संघ कालपी ने शिकायतों में कहा है कि तहसील कालपी में तहसीलदार अभिनव तिवारी नायब तहसीलदार हरदीप कालपी कदौरा के विवादित नामांतरण मुकदमों में बिना रिश्वत लिए कोई कार्य नहीं करते। यहाँ आलम यह है कि विवादित तो छोड़ो अविविवादित मुकदमों में तहसीलदार अभिनव तिवारी व नायब तहसीलदार हरदीप द्वारा बिना अवैध धन लिए आदेश पारित नहीं किये जा रहे हैं जिसे अधिवक्ता एसोसिएशन कालपी के सदस्यों ने अध्यक्ष को दिनांक 16 2.2.2024 को प्रार्थना पत्र दिया जिससे अधिवक्ता एसोसिएशन कालपी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में दिनांक 19 2 2024 को आमसभा की मीटिंग आहूत की गई कि अधिवक्ता गणों में अत्यधिक आक्रोश व्याप्त है जिससे सर्वसम्मत से प्रस्ताव पास किया गया की समस्त अधिवक्तागन दिनांक 20-2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे और समस्त अधिवक्ता 20 2 2024 से न्याय कर से विरत हैं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजीकृत बैनामो में अविवादित मामलों में बिना ₹1000 धनराशि की रिश्वत लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार हरदीप के न्यायालय में बिना अवैध धन लिए नामांतरणवाद स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं जिसमें अवैध धनराशि एवं रिश्वत प्राप्त नहीं होती है वह नामांतरण बाद साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिए जाते हैं उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि पंजीकृत बैनामा में ₹5000 एवं पंजीकृत वसीयतनामा में ₹4000 एवं प्लाटिंग के दाखिल खारिज में ₹5000 उपरोक्त सभी अधिकारी रिश्वत लेते हैं जिन अविवादित नामांतरण वादों अवैध धनराशि एवं रिश्वत न मिले तो ऐसे मुकदमे साक्ष्य के अभाव में निरस्त कर दिये जाते हैं यह की धारा 34 उत्तर प्रदेश राजस्व सेंटर 2006 अधिनियम के तहत हथबंदी के मुकदमों में राजस्व कर निरीक्षक कम से कम ₹15000 अवैध धन की मांग करते हैं वरना उनकी हथ बंदी नहीं होती 

     हथबंदी मुकदमों की पत्रावली राजस्व निरीक्षक के पास रखी हुई है धारा 38(1) दुरुस्ती के मुकदमों में बिना अवैध धन लिए उपरोक्त अधिकारी आख्या नहीं भेजते हैं इतना ही नहीं धारा 101 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 अधिनियम के तहत मुकदमा नंबर 2106 /2020 दीना आदि बनाम ग्राम पंचायत नायब तहसीलदार से न्यायालय उप जिलाधिकारी महोदय कालपी द्वारा जांच आख्या 1 वर्ष पूर्व मांगी गई थी कई बार वादी गण द्वारा जांच आख्या के संबंध में कहा गया लेकिन अभी तक नायब तहसीलदार द्वारा जांच आख्या प्रस्तुत नहीं की गई जिससे वादी को न्याय प्राप्त नहीं हो पा रहा है और उपरोक्त तहसीलदार नायब तहसीलदार के न्यायालय में वादी की पत्रावली आदेश होने के बाद प्राप्त नहीं होती है जिससे वादी अपील एवं पुना स्थापन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं कर पा रहे जो संबंधित लिपिक का स्थानांतरण हो जाता है वह संबंधित लिपिक उन पत्रावलियों को अपने घर ले जाते हैं जिससे वादीगण एवं अधिवक्ता गणों को पत्रावली प्राप्त नहीं हो पाती है जिससे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है सैकड़ों पत्रावलियां दाखिल दफ्तर नहीं है और तहसीलदार कार्यालय में नहीं है यह की ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की बंधक भूमि बैंक द्वारा नोड्यूस एवं भार मुक्त आने के बाद भी उपरोक्त अधिकारियों द्वारा बिना अवैध धन लिए खतौनी में अमल बरामद नहीं करते हैं न्यायालय से पारित आदेशों का परवाना बिना अवैध धन एवं रिश्वत लिए खतौनी में अमल दरामद नहीं होता है उपजिलाधिकारी कालपी के कार्यालय में एवं तहसीलदार के कार्यालय एवं राजस्व कर निरीक्षकों के यहां कई प्राइवेट व्यक्ति लगे हैं जिससे किसानों एवं अधिकारियों एवं अधिवक्तागणों से अवैध धन रिश्वत लेते हैं जिससे जनता का अत्यधिक शोषण हो रहा है यह की परगना तहसील कालपी में कई लिपिक एवं कई चपरासी कस्बा कालपी के स्थाई निवासी हैं जो 10 वर्ष से अधिक कार्यालय में तैनात हैं जिससे मनमानी तरीके से कार्य कर रहे हैं जिससे अधिवक्तागणों में आक्रोश व्याप्त है यह की उपजिलाधिकारी के कार्यालय में एवं तहसीलदार के कार्यालय में नकल बनवाने का कोई रजिस्टर नहीं है जिससे अधिवक्तागणों द्वारा डाली गई आदेश की नकलो का रजिस्टर न होने के कारण नकल प्रार्थना पत्र खो जाते हैं और आदेशों की नकलें 2-2 3-3 महीने तक प्राप्त नहीं होती हैं एवं वादों के पुनर्स्थापना प्रार्थना पत्र खो जाते हैं जिससे अधिवक्तागणों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है यह कि मुकदमा नंबर 129/2023 श्याम जी बनाम राम शंकर मौजा आटा आराजी नंबर 734/2 रकवा 0.085 हेक्टेयर भूमि में से 0.016 हेक्टेयर भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग 27 में अधिग्रहित की गई जिसका विक्रेता शासन द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया है और विक्रय कर लिया नायब तहसीलदार हरदीप कालपी कदौरा ने अवैध धन लेकर आदेश दिनांक 20/01 2023 को पारित कर दिया है जो सर्वथा गलत असत्य कानूनन खिलाफ वाक्यात है यह कि मौजा निपनिया मुकदमा नंबर 1351 /2021 लक्ष्मी देवी आदि बनाम रामगोपाल दान पत्र बैनामा दिनांक 24/06/2021 व मौजा सरैनी मुस्तकिल दान पत्र बैनामा दिनांक 24/6/2021 आदेश दिनांक 31/07/2021 व मौजा पाल लक्ष्मी देवी आदि बनाम रामगोपाल मुकदमा नंबर 1352 /2021 पंजीकृत गोदनामा दिनांक 24/06/2021 आदेश दिनांक 31/07/2021 व उक्त मुकदमे में दिनांक 31/07 /2021 को खारिज का आदेश पारित कर दिया है लेकिन आदेश टाइप सुधा है लेकिन आदेश में पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर तक नहीं है जिससे उक्त वादों का नामांतरण वाद नहीं हो पा रहा है एवं उक्त बातों का पुना स्थापन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत नहीं हो पा रहा है।

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