दुकानदार जीएसटी की खुलेआम उड़ा रहे धज्जियां,कोई भी दुकानदार ग्राहकों को नहीं देता पक्का बिल
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी/जालौन जीएसटी , ( Goods and Sarvice TaX) वस्तु एवं सेवा कर एक समन्वित कर प्रणाली है अर्थात भारत में पहले से लगे हुए बहुत से करो को हटाकर उनकी जगह पर सिर्फ एक कर जीएसटी लगाया गया है भारत में जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था तब से लेकर अब तक इसमें बहुत से परिवर्तन किया जा चुके हैं भारतीय संविधान में उत्पाद एवं सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार को तथा वस्तुओं की बिक्री कर लगाने का अधिकार राज्य को दिया था जिसके आधार पर सभी ने अपने-अपने हिसाब से कर बनाए थे इस प्रणाली में एक वस्तु पर कई प्रकार के कर लद जाते थे कभी-कभी तो कर के ऊपर कर बाली स्थिति भी बन जाते थे इन समस्याओं से निपटने के लिए जीएसटी को लागू किया गया था बताते चले कि सूत्रों से मेरी जानकारीकदौरा नगर के बाजारों में सैकड़ो के हिसाब से दुकाने है पर हर दुकानदार जीएसटी को छुपाता है वहीं नगर वह क्षेत्र के ग्राहकों से पूछा गयाकि आप कोई भी किसी भी प्रकार का सामान लेते हैं तो क्या आपको दुकानदार पक्का बिल बनाकर देते हैं ग्राहकों ने बताया कि हमें किसी भी प्रकार का कोई बिल नहीं दिया जाता है ₹10 की चीज होती है तो हम से रुपए 20 लिए जाते हैं ग्राहकों के आप है कि दुकानदार हमें किसी भी प्रकार का पक्का बिल नहीं देते हैं आए दिन हम इन दुकानदारों का शिकार होते रहते सरकार हमें बहुत कुछ देती है मगर यह दुकानदार हमें हर चीज दुगनी कीमत में देते हैंऔर जब हम पूछते हैं कि सेठ जी इतना महंगा सामान क्यों दे रहे हैं तो सेट जी का कहना होता है कि सरकार को जीएसटी देनी पड़ती हैअब आप ही बताइए की कोई भी दुकानदार किसी भी ग्राहक को पक्का बिल बनाकर नहीं देता है तो जीएसटी की बात दुकानदार क्यों करते हैंअगर आप किसी भी प्रकार का सामान लेता है और उसे दुकानदार पक्का बिल बना कर देता है तो जीएसटी लगती है उड़ा रहे हैं सरकार की नीतियों को इस तरह धज्जियां उड़ा रहे हैं जैसे दुकानदारों को घर की खेती होजिले में बैठे अधिकारियों से हम सिर्फ इतना ही कहना चाहेंगे कि इन दुकानदारों पर जांच कर कार्रवाई करें ताकि ग्राहकों को सामान उचित रेट पर मिल सके।
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