दस हजार की आबादी में, सिर्फ दो राशन की दुकानें
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
कदौरा जालौन
कदौरा/जालौन नई राशन प्रणाली के तहत राशन विक्रेताओं ने वितरण का कार्य बंद करते जा रहे हैं जिसमें 2 साल पहले नगर में जहा दस हजार लाभार्थियों को राशन देने के लिए पांच दुकानें थी। वही अब मात्र दो दुकानों से राशन का वितरण किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि मात्र दस दिन ही राशन वितरण का समय निर्धारित होने से कार्ड धारण अपना राशन लेने से वंचित रह रहे हैं। राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए कई बदलाव किए हैं जिनमें की कार्ड धारक फिंगर प्रिंट मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद राशन विक्रेता से राशन देने के लिए बाध्य होगा। इतना ही नहीं बल्कि विगत तीन माह पूर्व फिंगर मशीन को इलेक्ट्रॉनिक कांटा से अटैच कर दिया गया है वहीं इस नई राशन प्रणाली से राशन विक्रेता का दुकानों से मोह भंग होता जा रहा है नगर में पात्र ग्रहस्थी के 2175 राशन कार्ड है। जिसमें 9042 लाभार्थियों को राशन दिया जाता है वहीं अंतोदय कार्ड धारकों की संख्या 313 है जिसमें से 848 लाभार्थी लाभ उठाते हैं विगत 3 वर्ष पूर्व तक उक्त 10000 लोगों के लिए पांच राशन की दुकानें संचालित थी लेकिन अब मात्र दो दुकान ही बची है
10 दिनों में सभी को राशन देने के नियम से कई रहते हैं वंचित
तीन साल में तीन कोटेदारों ने बैंड की राशन की दुकानें
पहले पांच दुकान होती थी संचालित
नगर के राशन विक्रेताओं ने अपने तीन दुकान बंद कर दी हैं उससे लाभार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जब पांच दुकान संचालित थी तो सभी कार्ड धारक अपने-अपने राशन विक्रेताओं के यहां से राशन ले जाते थे और दो-तीन घंटे में राशन लेकर घर आ जाते थे लेकिन अब तो पूरा दिन बर्बाद करने के बाद भी राशन मिलने की गारंटी नहीं होती है।
कार्ड धारकों ने जताई नाराजगी
राशन प्रणाली वितरण के तहत मिलने वाले राशन के लिए घंटो लाइन में लगने वाले कार्ड धारक इमरान, शीलू, सूफिया, गुलशन आदि ने बताया नई राशन नीति से जहां कार्ड धारकों को परेशानी हो रही है वही राशन विक्रेताओं की खाऊ कमाऊं नीति बंद होने से वह लोग दुकान बंद करने में लगे हैं पहले जहां राशन से मिट्टी का तेल शक्कर भी मिलता था अब गेहूं चावल ही मिलता है।
नई राशन नीति के निर्देश पर लागू की गई है जो दुकानें खाली है उन्हें भरने का प्रयास किया जाएगा। जिससे कार्ड धारकों की परेशानी को काम किया जा सके।
याकूब हसन पूर्ति निरीक्षक
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