उच्च न्यायालय ने दिया फैसला- कार्य करती रहेगी मथुरा प्रसाद महाविद्यालय की वर्तमान प्रबन्ध समिति

May 28, 2024 - 17:32
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उच्च न्यायालय ने दिया फैसला- कार्य करती रहेगी मथुरा प्रसाद महाविद्यालय की वर्तमान प्रबन्ध समिति

रिट याचिका की गई खारिज

कोंच (जालौन) मथुरा प्रसाद एजूकेशन सोसायटी कोंच की वर्तमान प्रबन्ध समिति के पक्ष में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुये वर्तमान प्रबन्ध समिति को कार्य करते रहने देने का फैसला दिया है। मथुरा प्रसाद महाविद्यालय में प्रबन्ध समिति के प्रबन्धक डॉ० केदारनाथ निरंजन सिमिरिया, कनिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हरिशंकर लोहिया, मंत्री श्री ओम शंकर अग्रवाल एड०, कोषाध्यक्ष श्री शिव कुमार निरंजन, सदस्य श्री प्रतिपाल सिंह गुर्जर, सदस्य श्री केशवदास ववेले, सदस्य श्री सुशील कुमार दूरवार, प्राचार्य डॉ० विजय विक्रम सिंह आदि ने प्रेस वार्ता में बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला ने वादी शैलेष कुमार सोनी एवं अन्य द्वारा दायर की गई याचिका जिसमें कहा गया था कि वर्तमान प्रबन्ध समिति कालातीत है और अवैध है इस लिए महाविद्यालय में साधिकार नियंत्रक नियुक्त करने एवं वर्तमान प्रबन्ध समिति को प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य करने से रोकने की प्रार्थना की गई थी। जिसके संदर्भ में मा० न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला द्वारा दिनांक 08/05/2024 को बहस सुनने के पश्चात अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया गया था और मा० न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय में स्पष्ट कहा है कि मथुरा प्रसाद एजुकेशन सोसायटी वर्तमान प्रबन्ध समिति ने प्रबन्ध समिति का कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ही चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी थी परन्तु विभिन्न विषम परिस्थितियों के चलते जिनमें कोविड-19 महामारी, सोसायटी की सदस्यता का विवाद, सहायक रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसायटी एवं चिट्स झांसी, क्षेत्र झांसी के समक्ष लम्बित होना तथा एक अन्य याचिका 7186/2024 में न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसरण में सहायक रजिस्ट्रार के समक्ष सदस्यता का विवाद लंबित होने के कारण चुनाव नहीं हो सके। सोसायटी के बाईलाज के नियम संख्या 9 में किये गये प्रावधानो के मददेनजर सोसायटी की प्रबन्ध समिति अपने प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यों का निर्वहन सोसायटी / कालेज की नयी प्रबन्ध समिति के चुनाव होने तक तथा सोसायटी / कालेज की नवनिर्वाचित प्रबन्ध समिति के कार्यभार ग्रहण करने तक कर सकती है। इस आदेश के साथ मा० उच्च न्यायालय ने उपरोक्त रिट याचिका खारिज कर दी।

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