यमुना पुल पर बंदरों का आतंक, सुबह-शाम चहलकदमी करने वाले सतर्क रहें
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी (जालौन) बंदरों का आतंक अब यमुना पुल तक पहुँच गया है। शहर में बंदरों की बढ़ती संख्या और उनके हिंसक व्यवहार से नागरिक पहले से ही परेशान थे, और अब ये बंदर यमुना पुल पर भी डेरा डाल चुके हैं। खासकर सुबह और शाम के समय, जब लोग सेहत के लिए चहलकदमी करने पुल पर जाते हैं, तब इन बंदरों की बड़ी संख्या वहां देखी जाती है।
शहर में बंदरों की बढ़ती आबादी और उनके हमलों से अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो गया है। सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, हर दिन दर्जनों लोग बंदर के हमलों के बाद उपचार के लिए आते हैं। कुछ गंभीर मामलों में बंदरों के हमले के कारण लोगों की जान भी जा चुकी है, जिससे शहर के लोग बेहद सतर्क रहते हैं।
अब बंदरों ने यमुना पुल को अपना नया ठिकाना बना लिया है। सुबह और शाम के समय, लगभग पचास से अधिक बंदर पुल और उसके आस-पास के हाईवे पर घूमते रहते हैं, जिससे पैदल यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों जैसे दिव्यगोपाल श्रीवास्तव, आदर्श मेहरोत्रा, राकेश कुमार, संदीप, अमर सिंह निषाद और रोहिणी शर्मा का कहना है कि दो साल पहले पुल पर केवल दो बंदर दिखते थे, लेकिन अब उनकी संख्या आधा सैकड़ा से भी अधिक हो गई है।
ये बंदर न केवल पैदल यात्रियों को डराते हैं बल्कि धीमी गति से चलने वाले वाहनों से खाने का सामान भी छीन लेते हैं। यदि समय रहते इनकी संख्या को नियंत्रित नहीं किया गया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे आसपास के गाँव भी इनके आतंक की चपेट में आ सकते हैं। स्थानीय निवासियों ने संबंधित अधिकारियों से इस समस्या का त्वरित समाधान करने की अपील की है।
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