चौतरफा वाढ़ को लेकर प्रशासन सतर्क
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/ जालौन कालपी यमुना भले ही खतरे के निशान से 10 मीटर नीचे बह रही हो पर दिल्ली में आई बाढ़ से स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है शुक्रवार को तहसीलदार ने यमुना पट्टी के व बाढ़ प्रभावित गांव के बाशिंदो से सतर्कता बरतने के लिए कहां गया वैसे तो इस क्षेत्र के लिए बाढ कोई नई नहीं है बल्कि प्रभावित गांव के निवासियों के लिए तो दिनचर्या में शामिल है जो उन्हें विरासत में मिली है हालांकि वाढ़ में और उसके बाद उन्हें काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है जिसके चलते तलहटी क्षेत्र में रहने वाले प्रभावित गांवों के बाशिंदों ने ऊंचाई वाले इलाके में घर बना लिए हैं जिससे कई मेरे बजूद में आ चुके हैं ग्रामीणों की मानें तो पहले वाढ़ दशको के बाद आती थी लेकिन विगत 3 वर्ष लगातार आ रही है जिससे यमुना और बेतवा के डूब क्षेत्र में रहने वाले आजिज आ चुके हैं महेवा ब्लाक क्षेत्र के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित गांव में शुमार गुढ़ा खास के पूर्व प्रधान सोनेलाल के अनुसार लगातार तीन वर्ष से बाढ़ आने से दुर्दशा का शिकार हो गया है लोगों को व्यवस्थाएं जुटाने का भी मौका नहीं मिल रहा है हालांकि अभी यमुना का जलस्तर 98 मीटर है जो खतरे के निशान से 10 मीटर नीचे है लेकिन दिल्ली में यमुना की बाढ़ से मचे कोहराम से प्रभावित क्षेत्र की जनता के साथ प्रशासन भी सशंकित है तहसीलदार शेर सिंह के मुताबिक अभी यमुना का जलस्तर चिंताजनक नहीं है और ना ही फिलहाल आसार हैंक्योंकि केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार यमुना का जलस्तर 2 मीटर से अधिक नहीं बढ़ेगा फिर भी पिछले आंकड़ों के अनुसार गांव से 2 दर्जन गांव ज्यादा प्रभावित होते हैं जिसके चलते प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मदद का खाका तैयार कर लिया गया है जिसमें बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के साथ नदी की तलहटी क्षेत्र में रहने वाले को भी सतर्कता बरतने के लिए कहा है
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