महाशिवरात्रि पर्व पर पंचनद पर जुटेंगे हजारों श्रद्धालु

Feb 25, 2025 - 21:40
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महाशिवरात्रि  पर्व पर पंचनद पर जुटेंगे हजारों श्रद्धालु

अमित गुप्ता 

उरई जालौन 

उरई (जालौन)। महाशिवरात्रि के अवसर पर पंचनद संगम तीर्थ में श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों की अपार भीड़ जुटने की संभावना है।पंचनद संगम जनपद जालौन, इटावा औरैया की सीमाओं के बीच अनेक धार्मिक एवं पौराणिक शिव मंदिरों का शिवतीर्थ है। जनपद जालौन की सीमा में पंचनद पर बने श्री बाबा साहब (श्री मुकुंदवन) मंदिर पर पांच मंदिरों में बना पहला शिव जी को समर्पित मंदिर जिसमें विराजमान शिवलिंग हजारों वर्ष पुराना है। मान्यता है कि अथर्ववेद का भाष्य करने वाले महामुनि अथर्व ऋषि शिव भक्त थे और वह भी इसी शिवलिंग की पूजा अर्चना कर शिवोपासना करते थे। पंचनद के इस मंदिर में अब तक के संत व महंत जूना अखाड़ा के ऋषि रहे हैं। वर्तमान में भी यह मंदिर एवं यहां के महंत जूना अखाड़ा से संबद्ध है। यहां के सिद्ध संत मुकुंदवन बाबा साहब के नाम की बड़ी महत्वता है। आसपास 50 कोस के लोग श्री मुकुंद वन (बाबा साहब) को अपना गुरु एवं पंचनद के इस आश्रम को अपना गुरुद्वारा मानकर प्रति त्यौहार एवं धार्मिक पर्व में गुरुद्वारे पर आना अपना कर्तव्य मानते हैं । इसी प्रकार इटावा की सीमा में पंचनद पर विराजमान कालेश्वर महादेव की अनेक कथाएं पुराणों में प्रचलित हैं जिसमें शिव पुराण के अनुसार भारत के 108 शिव विग्रह में पंचनद पर गिरीश्वर महादेव जिन्हें यहां के लोग कालेश्वर महादेव के नाम से पूजते हैं। यह स्थल महाभारत की कथाओं में बहुत प्रासंगिक रहा है । अर्जुन से गोपिकाओं को भीलों द्वारा छीन लिए जाने की घटना के यहां प्रमाण मिलते हैं जहां एक नाले नुमा खार में यह घटना घटित होने की बात कही जाती है आज उस स्थान का नाम गोपियाखार नामक गांव है । कालेश्वर मंदिर में अब तक रहे संत और महंत निरंजनी अखाड़ा से संबद्ध है । पंचनद में विराजमान कालेश्वर शिवजी को कालिया नाग द्वारा पूजे जाने सहित अनेक कथाएं एवं मान्यताएं प्रचलित है। वर्ष भर यहां भक्तों की भीड़ जुड़ती है लेकिन महाशिवरात्रि एवं श्रावण मास के सोमवार तथा प्रति सोमवार यहां हजारों की संख्या में भक्ति एवं कावड़िया आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं । इस अवसर पर पंचनद संगम में स्नान कर यहां से जल लेकर पहले महाकालेश्वर इटावा एवं बाबा साहब मंदिर जालौन में शिवजी पर जल अर्पित करते हैं तदोपरांत यहां का पवित्र जल ले जाकर अपने अपने गांव या क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिरों पर जलाभिषेक करते हैं। प्रतिवर्ष शिवरात्रि के अवसर पर यहां दिन भर व रात भर भक्तों की लंबी कतार रहती है । इस वर्ष भी पंचनद के दोनों तटों के मंदिरों पर भक्तों की अपार भीड़ जुटने की संभावना है।

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