विधालय प्रबंधन समिति के अध्यक्षों तथा सचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

अमित गुप्ता
कालपी जालौन विद्यालय में प्राथमिक व्यवस्था को दुरस्त करने एवम विद्यालय संचालन हेतु विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के अध्यक्षों तथा सचिवों की मौजूदगी में एक दिवसीय कार्यशाला खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
इस कार्यशाला में विकास खंड के 82 विद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हुये।
शुक्रवार को ब्लॉक संसाधान केंद्र कालपी कालपी के परिसर में आयोजित कार्यशाला में विकासखंड महेवा में एसएमसी प्रशिक्षण:विद्यालयों के प्रतिनिधियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की जानकारी दी गई।
कार्यशाला में संदर्भदाताओं ने एसएमसी की संरचना, गठन और कार्यकाल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही निपुण भारत मिशन, गुणवत्ता शिक्षा, बालिका शिक्षा और प्री-प्राइमरी एजुकेशन पर चर्चा की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये
खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार राजपूत ने विद्यालय स्तर पर मासिक बैठकों के आयोजन पर जोर दिया। उन्होंने शारदा कार्यक्रम, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) के प्रशिक्षण और नामांकन पर विशेष ध्यान देने को कहा। ऑपरेशन कायाकल्प में एसएमसी की भूमिका पर भी चर्चा की। कार्यशाला में एडीओ हरेंद्र प्रताप सिंह ने कार्यशाला में स्कूल विकास को लेकर चर्चा की उन्होंने सरकार के द्वारा स्कूल और गांव में हो रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डाला । प्राथमिक स्वास्थ केंद्र बाबई के चिकित्सा अधिकारी डॉ विनोद यादव ने स्कूलों में संचारी रोगों के लिए जागरूकता अभियान को लेकर चर्चा की।उन्होंने कहा कि स्कूलों में पिछले काफी वर्षो से संचारी रोगों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा हैं जिस कारण पहले की अपेक्षा लोगो में जागरूकता हुई है ।
बाल विकास विभाग आंगनवाडी की सुपर वाइजर कंचन सिंह ने आंगनवाडी केंद्रों में संचालित गतिविधियों पर चर्चा की , उन्होंने तीन साल से छः साल के बच्चो को आंगनवाडी केंद्रों में प्राथमिक शिक्षा के साथ साथ उनके मानसिक विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी ।
कार्यक्रम में संदर्भदाता एआरपी राजकुमार, अरविंद सिंह , मनीष राज , हरिओम दिवेदी ने
प्रशिक्षण में बताया कि समिति के सदस्यों को स्कूलों के प्रबंधन और बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। एसएमसी की बैठकों में नियमित रूप से भाग लेने से मिड-डे मील, शौचालय, पेयजल, स्कूल यूनिफॉर्म, शिक्षा की गुणवत्ता आदि में सुधार लाया जा सकता है।लैंगिक समानता के बारे में जानकारी दी गई। लड़के और लड़कियों दोनों को समान अवसर दिए जाने पर जोर दिया गया तथा लड़कियों को उच्च शिक्षा और रोजगार पाने का अवसर भी मिलना चाहिए। कार्यशाला में अध्यक्षों और शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। नए शैक्षिक सत्र में स्कूल चलो अभियान, नए नामांकन, स्वच्छता और मध्याह्न भोजन योजना में सहयोग का आग्रह किया गया।
फोटो - कार्यशाला में शामिल
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