बरौदा कलां गांव में डॉo अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई

ब्यूरो चीफ अखिलेश कुमार
कोंच (जालौन) कोच विकासखंड के ग्राम बरौदा कलां में संविधान के जनक डॉक्टर बी आर अंबेडकर की 13 4 वी जयंती मनाए गई
भारतीय संविधान के जनक' डॉ. भीम राव अंबेडकर का जन्मदिवस 14 अप्रैल के रूप में पूरे भारत में मनाया जाता है
हमारे देश में हर साल 14 अप्रैल के दिन डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को *भीम जयंती* के नाम से भी जाना जाता है
यह दिन न केवल उनके जीवन और संघर्षों को याद करने का मौका है, बल्कि न्याय, सामाजिक समानता और मानव अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए भी यह बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है। डॉ. अंबेडकर एक महान समाज सुधारक, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, विधिवेत्ता और भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक थे।
यह दिन 'भारतीय संविधान के जनक' डॉ. भीम राव के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, *14 अप्रैल 1891* में जन्मे अंबेडकर न केवल भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता थे, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री , न्यायविद (Jurist), अर्थशास्त्री और समाज सुधारक भी थे ऐसे में हर साल उनकी जयंती को पूरे देश में पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाती है.
14 अप्रैल 2025 की डॉ. अंबेडकर की 134वीं जयंती है।इस दिन पूरे भारत में सार्वजनिक अवकाश होता हैं अंबेडकर जयंती पर अलग-अलग स्थानों पर रैलियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थानों में उनके विचारों पर चर्चा होती है, साथ ही लोग अंबेडकर की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
बता दें कि अंबेडकर जयंती पहली बार *14 अप्रैल 1928 को पुणे में मनाई गई थी इसकी पहल सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन सदाशिव रणपिसे* ने की थी. तब से यह परंपरा हर साल चलती आ रही है और आज यह न केवल भारत में बल्कि विश्वभर के कई देशों में बसे भारतीय समुदायों द्वारा भी मनाई जाती है।
अंबेडकर जयंती का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता, भाईचारा और न्याय के विचारों को फैलाना है. डॉ. अंबेडकर ने संविधान निर्माण में जो योगदान दिया, वह भारत को एक आधुनिक, लोकतांत्रिक और समतावादी राष्ट्र बनाने की नींव था।
उन्होंने महिलाओं, पिछड़े वर्गों और दलित समुदाय को अधिकार दिलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनका कहना था, *'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो* यह संदेश आज भी लोगों को प्रेरित करता है।
इस मौके पर अवधेश चौधरी प्रधान पद के प्रबल दावेदार ,राजा बाबू चौधरी ,सचिन दुबे ,प्रशांत चौधरी जगजीवन राठौर, आशीष सोनी मंगल नामदेव ,आदर्श चौधरी नीरज प्रजापति और अधिक संख्या में ग्रामवासी लोग मौजूद रहे
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