DPRO आफिस में 58 लाख 98 हजार रुपये का बड़ा फर्जीवाड़ा
उरई (जालौन) सफाई कर्मचारी ने कर दी सरकारी खातों की सफाई जनपद जालौन के उरई मुख्यालय में DPRO आफिस में 58 लाख 98 हजार रुपये का बड़ा फर्जीवाड़ा जिसमे 3 ब्यक्तिओ के खिलाफ उरई कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई पूर्व डीपीआरओ अभय कुमार यादव के नाम पर किया गया लाखो रुपये का वितीय गड़बड़ घोटाला
DPRO ऑफिस में 58 लाख 98 हजार का घोटाला आखिर किस की शह पर हुआ यह फर्जीबड़ा
उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन के उरई मुख्यालय में सफाई कर्मी ने कर दी खातों की ‘सफाई’,
किए 59 लाख रुपए पार इस तरह पकड़ में आया
उरई के जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात सफाई कर्मचारी को कंप्यूटर ऑपरेटर करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उसने इसी चीज का फायदा उठाते हुए कार्यालय से लाखों की चपत लगा दी.
उसने इतनी बड़ी रकम कई लोगों के खातों में ट्रांसफर की.
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारी ने लगभग 59 लाख रुपये का गबन कर लिया. यह रकम स्वच्छ भारत मिशन योजना के प्रचार प्रसार के लिए आई थी.जिसका खुलासा जांच के दौरान हुआ. इस घोटाले की जानकारी जैसे ही विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को हुई.
विभाग में मचा हड़कंप
इस पूरे मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने जिलाधिकारी को इस बारे में जानकारी दी. जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के बाद कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम देखने वाले सफाई कर्मचारी और एक अन्य शख्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
सफाई कर्मचारी को दी गई कंप्यूटर ऑपरेट करने की जिम्मेदारी
दरअसल, पूरा मामला जालौन के जिला मुख्यालय उरई में बने जिला पंचायती राज विभाग कार्यालय का है. इस कार्यालय में तैनात एक सफाई कर्मचारी को कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी दी गई थी. यह जिम्मेदारी उसे तब दी गई. जब विभाग में अकाउंटेंट के पद पर कोई भी तैनात नहीं था. जिस पर यह जिम्मेदारी सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा को सौंप गई थी.
इस तरह हद पर लगभग 59 लख रुपए
3 जुलाई 2021 को उस समय तैनात जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा उसको अपना आईडी पासवर्ड उपलब्ध कराते हुए यह आदेश दिया गया था कि वह डिजिटल सिग्नेचर का भी प्रयोग कर समय अनुसार कर सकता है. कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत सफाई कर्मचारी मनोज वर्मा ने इसका पूरा लाभ उठाते हुए स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत जिले में प्रचार प्रचार के लिये स्वीकार आवंटित बजट में से करीब 58 लाख 98 हजार रुपए का गबन कर लिया है.
दूसरे व्यक्तियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई रकम
धीरे-धीरे यह राशि को उसने तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग करते हुए दूसरे के खाते में ट्रांसफर की. सर्वप्रथम उसने किसी अंजान व्यक्ति शैलेंद्र कुशवाहा के खाते में छह लाख को रकम ट्रांसफर कर दी. इसके बाद सफाई कर्मी को कंप्यूटर ऑपरेटर की जिम्मेदारी निभा रहा था.उसने 5 अक्टूबर को विभाग में ही कार्यरत सफाई कर्मी विकेंद्र कुमार के खाते में 8 लाख 30 हजार की रकम भेज दी. इसके बाद उसने 2 दिसंबर 2022 को फिर से 8 लाख 87 हजार उसके खाते में डाले गये. जबकि 8 जनवरी 2023 को 35 लाख की रकम उसी सफाई कर्मी के खाते में ट्रांसफर कर कुल 58 लाख 98 हजार रुपए का बंदरबांट कर दिया और उसे निकाल लिया. मामले का खुलासा होने के बाद जिला पंचायत राज विभाग में हड़कंप मच गया.
पुलिस को फिर दर्ज करने के दिए गए आदेश
इस मामले की जांच करने पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी भीम जी उपाध्याय ने डीपीआरओ कार्यालय पहुंचकर मामले की जानकारी ली. इसके बाद पूरे मामले के बारे में डीएम चांदनी सिंह को बताया गया. आरोपी के ऊपर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं.
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