ग्यारहवीं शरीफ व जश्ने गौसुलवरा कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित
अमित गुप्ता
संवाददाता
कालपी/जालौन कालपी इस्लामी साल का ये चौथा महीना है जिसे ग्यारहवीं शरीफ के नाम से जाना जाता है और इसे हर जगह मनाया जाता है।
दारुल उलूम गैसिया मजीदिया के नाज़िमें आला हाफिज इरशाद अशरफी ने बताया कि मुहल्ला मिर्जामण्डी कालपी में एक गुम्बद गौस पाक की याद में स्थापित है। जिसे यादगारे गौसे आज़म कहा जाता है। उसी धर्म स्थल पर वर्षो से ग्यारहवीं शरीफ में अकीकतमंदों का आना होता है। इसी त्यौहार पर उसी दिन एक जलसा जश्ने गौसुलवरा के नाम से होता है जो इस बार भी 27 अक्टूबर को रात 8 बजे से 11 बजे तक ये प्रोग्राम होगा।
कार्यक्रम में ख़ानक़ाह मोहम्मदिया के सज्जादानशीन सैय्यद ग्यासुद्दीन मियां क़ादरी, हज़रत मौलाना शहाबुद्दीन साहब कानपुर, हज़रत मौलाना मुफ़्ती अशफाक़ बरकाती कालपी, मुफ़्ती तारिक़ बरकाती प्रिंसिपल की तक़रीर होगी। समारोह का संचालन जनाब शब्बीर अशरफी कानपुर द्वारा की जायेगी।शायरे इस्लाम जनाब शाकिर साहब कानपुर आएगें।
ये प्रोग्राम बहुत बर्षों से इसी स्थान पर होता आ रहा है जिसमे हर वर्ग के लोग अपनी मन्नतों को लेकर हाज़िर होते है।
इसी सिलसिले में इसकी तैयारियों को लेकर दारुल उलूम गैसिया मजीदिया में एक बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता हाफिज इरशाद अशरफी ने की इसमें मुफ़्ती तारिक़ बरकाती, हाफिज वसीम, हाजी जहीरुद्दीन उर्फ मुन्ना, इलियास रहमानी, वसीम खलीफा, मुकीम( आलम चश्मे वाले), महबूब सिद्दीकी, कलीम अंसारी, बब्लू मंसूरी, कामिल चिश्ती, अतीकुर्रहमान(पप्पू), कल्लन सिद्दीकी समेत इन्तिजामिया के कई लोग शामिल रहे।
फोटो - बैठक में मौजूद प्रबंध समिति के सदस्य
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