लगभग 470 वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार सेंगर राजघराने के सबसे बड़ी राजधानी में निकाली गई भव्य शोभायात्रा
वीरेंद्र सिंह सेंगर
जगम्मनपुर जालौन क्षत्रिय राजपूत समाज में सबसे अधिक अपने शौर्य और पराक्रम के अतिरिक्त बड़ी बड़ी रियसतों के कारण प्रसिद्ध रहने वाले वंश में जनपद जालौन के कनार धनी सेंगर राजा जगम्मनशाह जिन्होंने कनार (कर्णखेरा) यानि करनखेरा जो पंचनद धाम पर स्थित यमुना तट पर स्थित मां कर्णावती मंदिर से आज भी प्रसिद्ध है के बाद जगम्मनपुर बसाया और वहीं पर भव्य किले का निर्माण कराया जिसकी देहरी रोपड़ गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा की गई तब गोस्वामी तुलसीदास जी ने तत्कालीन राजा को स्वर्ण गाय, भगवान शालिग्राम, एक मुखी रुद्राक्ष और दाहिना वर्ती शंख प्रदत किए गए थे जो आज भी मौजूद हैं जिनकी प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर शोभा यात्रा निकाली जाती है।
बताते चलें कि लगभग 470 वर्ष से अनवरत चली आ रही परंपरा के अनुसार आज दिनांक 27- 10 -2023 शुक्रवार को शाम 7:00 बजे किला जगम्मनपुर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में विराजमान भगवान विष्णु शिला स्वरूप भगवान श्री शालिग्राम जी महाराज , दाहिनावर्ती शंख, एक मुखी रुद्राक्ष जो गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा जगम्मनपुर राज्य के तत्कालीन महाराजा श्री उदोतशाह जूदेव को प्रदान किए गए थे उन भगवान जी की शोभा यात्रा नगर भ्रमण हेतु किला जगम्मनपुर से निकलकर नगर भ्रमण कर बाजार स्थित श्री लक्ष्मी नारायण के रहस चबूतरा पर आम दर्शनार्थ विराजमान हुए। इस अवसर पर मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के उच्च कोटि के गायक कलाकारों द्वारा संगीतमय भजन कीर्तन का भी आयोजन हुआ जिसमें क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोगों के अलावा हजारों लोगों हिस्सा लेकर रात भर संगीत का आनंद लिया।
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