चावल माफियाओं की हनक, के आगे बौने साबित हो रहे विभागीय जिम्मेदार

May 23, 2024 - 06:46
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चावल माफियाओं की हनक, के आगे बौने साबित हो रहे विभागीय जिम्मेदार

जिला संवाददाता

अमित गुप्ता

कदौरा जालौन

कदौरा/जालौन कदौरा नगर में लगभग आधा दर्जन चिन्हित सरकारी चावल माफियाओं की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। चावल माफियाओं ने अब अपना नेटवर्क पटरी दुकानदारों (सड़क के किनारे बैठकर किसानों का गला खरीदने वाले) की सरकारी चावल खरीदने के लिए एडवांस भी दे रखा है। इसके अलावा उनके एजेंट बस्तियों में भी सक्रिय हो गये हैं। जो रिक्शा ठेला आदि से घरों तक सस्ते दामों में चावल खरीद रहे हैं। जानकारी के अनुसार आपको बतादें नगर में जैसे ही सरकारी गल्ला उठान शुरू होती है। वैसे ही चावल माफिया का गिरोह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर पहुंच जाते हैं। और यहां पर मिलने वाले मुफ्त चावल सीना ठोक कर खरीदते हैं। और जो अन्य गरीबों को सरकार मुफ्त में दे रही है जैसे कोटेदार प्रति राशन पूरा देता है लिहाजा चावल की बाजार में कीमत 25 से 30 रुपये मिलता है उनसे यह माफिया इस गोरख धंधे की शिकायत जनता एवं मीडिया कर्मियों द्वारा एक बार नहीं कई बार तहसील में बैठे जिम्मेदार सप्लाई इंस्पेक्टर से की गई। यहां तक की चावल माफियाओं पर जवाब एक ही मिलता है।मामला संज्ञान में आया है जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी। लेकिन आज तक उक्त शिकायतों को संज्ञान में नहीं लिया गया। और ना ही किसी कोटेदार जो दो किलो चावल पट्टी राशन काम देता है उसे पर और ना ही उन चावल माफियाओं पर किसी प्रकार की कार्यवाही हुई है। इससे लगता है क्या यह कार्य सबको मिली भगत से हो रहा है सरकार को बदनाम किया जा रहा है।गरीबों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना को इन कोटेदारों और माफियाओं ने कमाई का साधन बना रखा है। सप्लाई इंस्पेक्टर से बात की तो फिर वही रटा रटाया जवाब मिला बात संज्ञान में आई है जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी। अब आप ही बताएं इनके खिलाफ क्या कार्यवाही होनी चाहिए।जो गरीबों के हक से चुराया गया राशन सस्ते दामों पर खरीदा और बचा जा रहा है। क्या इस बात की खबर डीएसओ को नहीं है। आखिर इन लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं होती।

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