ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़, फिर भी स्वास्थ्य विभाग मोन
अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई (जालौन) जनपद मुख्यालय से लेकर कस्बों के अलावा यहां तक कि हर गांव में दो-तीन झोलाछाप डाक्टर मिल ही जायेंगे जो अपने मकान के कमरे में मेज व कुर्सी तथा बैंच डालकर मरीजों को सबसे पहले बोतल फिर लाल-पीला गोली थमा कर गरीब और मजदूरों को लूटने का काम करते हुए देखे जा सकते है। इस मौसम में बदलाव होने के कारण हर घर में खांसी-जुखाम, बुखार, उल्टी दस्त से पीड़ित मरीज मिल ही जायेंगे। ऐसे में झोलाछाप डाक्टऱों की सहालग भी खूब चल रही है।यह झोलाछाप डाक्टर किसी डाक्टर की क्लीनिक पर चार-छह महीने काम कर लेते है और गांव में खुद के क्लीनिक का बोर्ड लगा कर मरीजों को लूटने का काम शुरू कर देते है। इन झोलाछाप डॉक्टरो का जाल पूरे जनपद में फैला हुआ है।
विगत साल पहले जिले में भी कई झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही हुई थी और कार्यवाही होने के बाद पुनः झोलाछाप डॉक्टर आ गए झोलाछाप डॉक्टरो ने गांव से आए हुए गरीब मजदूर और किसानो को अपने जाल में फसाते हैं। जैसे ही मरीज पहुंचता है इन डॉक्टरों द्वारा सबसे पहले बोतल चढ़ाया जाता है। मर्ज कोई भी हो सेवा बोतल से ही शुरू होती है। जब मरीज मरणासन्न हो जाते हैं तो फिर तुरंत झांसी या कानपुर ले जाने की सलाह दी जाती है।इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी झोलाछाप डाक्टऱों के ऊपर कार्यवाही करने से कतराते हुए देखे जाते है यहीं बजह है कि झोलाछाप डाक्टऱों के हौसले बुलंद होते नजर आ रहे है।
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