जनपद में शुरू हुआ कुष्ठ रोगी खोजी अभियान

Sep 4, 2024 - 16:34
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जनपद में शुरू हुआ कुष्ठ रोगी खोजी अभियान

रायबरेली, 3 सितम्बर 2024 राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में दो सितम्बर से कुष्ठ रोगी खोजी अभियान शुरू हुआ है जो कि 15 सितम्बर तक चलेगा | 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने साल 2027 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य रखा है | यह सभी के सहयोग से सफल हो पायेगा | इसी क्रम में समाज में छिपे हुए कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए कुष्ठ रोगी खोजी अभियान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहा है | अभियान में 3010 टीमें और 584 पर्यवेक्षक नियुक्त किये गए हैं | हर टीम में दो सदस्य होंगे- एक आशा कार्यकर्ता और एक पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता | टीम घर-घर जाकर लक्षणों के आधार पर कुष्ठ रोगियों की पहचान करेगी और संभावित कुष्ठ रोगियों को संदर्भन पर्ची बनायेंगे और स्वास्थ्य इकाइयों पर पर्ची दिखाकर वरीयता के आधार पर कुष्ठ रोगियों की जाँच की जाएगी और कुष्ठ की पुष्टि होने पर उसका इलाज किया जायेगा |

जिला कुष्ठ अधिकारी डा. शरदकुमार-ने बताया कि जनपद में 184 कुष्ठ रोगी हैं जिनका इलाज चल रहा है | कुष्ठ रोगियों का सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) के माध्यम से निःशुल्क इलाज किया जाता है | एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है | इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की करेक्टिव सर्जरी नि:शुल्क की जाती है और मरीज को श्रम ह्रास के बदले में 12,000 रुपए दिए जाते हैं।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना ने बताया कि कुष्ठ बैक्टीरियाजनित कम संक्रामक रोग है | कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों में तंत्रिका के प्रभावित होने के कारण जटिलताएं उत्पन्न होती हैं | तंत्रिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारन त्वचा पर स्पर्श, दबाव, दर्द या गर्म ठन्डे की संवेदना शक्ति प्रभावित होती है | शरीर में ताम्बई रंग के धब्बे जो कि संवेदना रहित होते हैं | यदि आँखों में लालपन, पानी आये, आँखें पूरी तरह से बंद न हो पायें, आँखों में धुन्धलापन हो या दिखायी न दे, पलक न झपकें , तंत्रिकन का हाथ, पैर, चेहरे पर मोटा होना और दर्द होना, बुखार, हाथ-पैरों में दर्द या सूजन होना, शरीर पर गांठें होना, चीजों को छूने पर या पकड़ने पर अलग से महसूस होना, हाथ पैरों की उँगलियों में झनझनाहट होना, घाव का लम्बे समय तक न भरना, हाथ पैरों की मांसपेशियों में कमजोरी या लकवा होना, त्वचा में नए दागों का उभरना और घाव का लम्बे समय तक न भरना आदि लक्षण दिखाई दें तो तुरंत ही आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करें या पास के स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाँच और इलाज कराएं | इधर उधर इलाज कराने से स्थायी विकलांगता आ सकती है |

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