40 से 45 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से यमुना के जलस्तर में वृद्धि से पुनः हुआ बाढ़ का खतरा

कालपी जालौन रविवार को दिनभर यमुना नदी के जल स्तर में 40 - 45 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी होती रही। दोपहर को जल स्तर चेतावनी प्वाइंट से मात्र 2 मीटर पर पहुंच गया है। जल स्तर के बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्र के नागरिकों ने बेचैनी महसूस हो रही है।
ज्ञात हो कि तीन सप्ताह पहले 2 अगस्त को यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 4:30 मी ऊपर पहुंच चुका था । लेकिन बहुत तेजी से जलस्तर में गिरावट आने से हालत सामान्य हो गये थे। विभागीय सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में हाल की बारिश का असर यमुना नदी मे दिखाई दिया।23/24 अगस्त की रात को करीब 2 वजे से जल स्तर बढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ। वह रविवार को दिनभर जारी रहा। केंद्रीय जल आयोग केंद्र कालपी के प्रभारी रूपेश कुमार के मुताबिक रात से लेकर रविवार को 40 - 45 सेंटीमीटर प्रति घंटा के हिसाब से जल स्तर में बढ़ोतरी हो रही है है। स्मरण हो कि यमुना नदी का कालपी में खतरे का लाल निशान 108 मीटर पर दर्ज है। जबकि चेतावनी प्वाइंट 107 मीटर पर है। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार रात तक जल स्तर चेतावनी प्वाइंट को छू सकता है।
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प्रशासन ने बढ़ाई तटवर्ती इलाकों में सतर्कता - एसडीएम
कालपी जालौन
रविवार को यमुना नदी के उफनाने की वजह से तटवर्ती क्षेत्रों में प्रशासन दिनभर सक्रिय रहा। उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह, तहसीलदार अभिनव कुमार तिवारी,नायब तहसीलदार चंद्र मोहन शुक्ला, मुकेश कुमार तथा राजस्व कर्मचारी यमुना नदी क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में भ्रमण करते रहे।भ्रमण के दौरान उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम है।
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