मौसम बना चुनोती हरी मटर बुबाई समय से न होने से अन्नदाता चिन्तित

कोंच (जालौन) कोंच क्षेत्र में इस वर्ष हरी मटर की फसल पिछड़ने की संभावना जताई जा रही है खेतों में अभी भी पानी भरा होने और मौसम का रुख किसानों के अनुकूल न होने से किसान बुवाई नहीं कर पा रहे हैं किसान खेतों के सूखने का इंतजार कर रहे हैं ताकि भूमि को जोत-बखरकर हरी मटर की बुवाई की जा सके।
कोंच ब्लॉक क्षेत्र में हरी मटर “आर्किल” किस्म की पैदावार के लिए प्रसिद्ध है यहां के किसान बड़े पैमाने पर मटर की खेती करते हैं और देश के विभिन्न प्रांतों से व्यापारी कोंच आकर हरी मटर की खरीद करते हैं सामान्यत: कुछ किसान 25 सितंबर से ही शुरुआती बुवाई कर देते हैं ताकि दिसंबर में फलियां तोड़कर बाजार में अच्छी कीमत पा सकें लेकिन इस बार मौसम की अनियमितता ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है
दिन बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष चतुर सिंह निरंजन और सुभाष परैथा ने बताया कि हरी मटर की बुवाई के लिए 15 से 25 अक्टूबर का समय सबसे उत्तम होता है इस अवधि में बोई गई फसल की पैदावार अच्छी रहती है उन्होंने बताया कि जो किसान जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं वे 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बुवाई करते हैं लेकिन इस बार खेतों में नमी अधिक होने के कारण बुवाई में देरी हो रही है भूमि सूखने में अभी कम से कम 15 दिन और लग सकते हैं जिससे इस वर्ष हरी मटर की फसल पिछड़ने की पूरी संभावना है।
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