कुंभकारों के चाक पर लौटी रौनक मिट्टी के दीयों से जगमगाएगी दीपावली

कोंच (जालौन) नगर में आगामी दीपावली पर्व नजदीक आते ही बाजारों की रौनक बढ़ गई है लोग घरों और दुकानों की साफ-सफाई में जुट गए हैं वहीं बाजारों में सजावटी सामानों की दुकानों पर भी भीड़ बढ़ने लगी है इसी बीच नगर के कुंभकारों के चाक भी रफ्तार पकड़ चुके हैं मिट्टी के दीपक बनाने का काम दिन-रात जारी है क्योंकि यही समय उनके सालभर की मेहनत का प्रतिफल देने वाला होता है।
दिन मंगलवार को सुबह करीब 7 बजे कुंभकारों ने बताया है कि पिछले कुछ वर्षों से लोगों में स्वदेशी उत्पादों के प्रति रुझान बढ़ा है। चाइनीज सजावटी वस्तुओं के विरोध के बाद मिट्टी के दीपक और बर्तनों की मांग में वृद्धि हुई है मुहल्ला गांधी नगर में कुंभकार परिवार के सभी सदस्य दीपक तैयार करने में जुटे है—कोई मिट्टी गूंथ रहा है कोई चाक पर दीपक गढ़ रहा है तो महिलाएं आवा (भट्ठी) में दीपक पकाने का कार्य कर रही हैं
कुंभकार राजेश प्रजापति शंकर प्रजापति विनय शिवकुमार हरिश्चंद्र परमसुख घनश्याम और शारदा बताते हैं कि यह पुश्तैनी धंधा अब दीपावली जैसे त्यौहारों पर ही जीवित है पिछले वर्ष उन्होंने करीब 30 से 40 हजार दीपक बेचे थे जबकि इस बार उम्मीद है कि 50 हजार से अधिक दीपक बिक जाएंगे हालांकि बढ़ती महंगाई के कारण मिट्टी लकड़ी और रंगों की लागत में काफी इजाफा हुआ है, जबकि दीपक के दाम लगभग पुराने ही हैं।
फिर भी कुंभकारों के चेहरे पर इस बार उम्मीद की चमक है उनका कहना है कि यदि लोग “मिट्टी के दीपक से दीपावली” मनाने का संकल्प लें नतो न केवल परंपरा जीवित रहेगी बल्कि उनके घरों की भी रोशनी कभी मंद नहीं पड़ेगी।
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