नमाज कायम करने के साथ साथ वाल्दैन की भी खिदमत करें- मौलाना फजलुर्रहमान कादरी
कोंच ( जालौन) जबाहर नगर ( सागर तालाब) स्थित नगर की मशहूर हिंदू मुस्लिम एकता की दरगाह आस्ताना ए कलन्दरिया पर सालाना तीन रोजा उर्से कलन्दरी का 83 वां जश्न जलसा औलियाये इकराम व नातिया मुशायरा बाद नमाज इशा 9 बजे से मुनअक़िद किया गया। जिसकी सदारत दरगाह के सज्जादा नशीन हाजी आरिफ अली शाह व निजामत नाजिमे उर्स हाफिज अताउल्ला खां ग़ौरी, कारी अब्दुल वाहिद फलक बल्देवगढ़ टीकमगढ़ ने संयुक्त रूप से अंजाम दिए । जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हाफिज कारी मोहम्मद असलम रज़ा व नाते रसूल स. अ. व. से फिरोज रज़ा अजहरी ने किया। मनमाने खुशुसी हजरत अल्लामा मौलाना फजलुर्रहमान कादरी ने अपनी नूरानी तकरीर में कहा ऑलियाये इकराम से दुश्मनी लिहाजा अल्लाह से दुश्मनी है। इन से मोहब्बत करें और उनके बताए हुए रास्ते पर चलें। नमाज कायम करने के साथ साथ वाल्दैन की खिदमत जरूर करें। और दीन और दुनिया दोनों जगह की कामयाबी हासिल करें। इस मौके पर हाफिज रिजबान अलीमी ने अपनी हक्कानी तकरीर में कहा नोजबानों इल्म हासिल करो। तमाम दीगर गुनाहों से बचो। अगर कामयाब होना चाहते हो तो प्यारे रसूल की सुन्नतों पर अमल और अल्लाह के हुक्म पर चल कर दीन दुनिया की कामयाबी हासिल करो।
मौलाना सय्यद निजाम अली कादरी ने कहा कि बुजुर्गाने दीन से मोहब्बत उनके बताए हुए रास्ते पर चलने से है। जब तक उनकी बताई हुई तालीम पर अमल नहीं करोगे उनसे मोहब्बत का का दावा बिलकुल गलत है ।इससे पहले बफात रज़ा , समीर रज़ा आदि उलमाए किराम , नात ख़्वा हजरात ने प्रोग्राम में रौनक बख्सी। इससे पूर्व दिन में 2 बजे चादर शरीफ का गस्त पूरे नगर होते हुए दरगाह शरीफ वापस हुआ बाद नमाज मगरिब 7 बजे गुल पोशी , चादर पोशी हुई।
जलसे में शिरकत करने वालों हाफिज नौशाद खन चिश्ती, मौलाना सय्यद नाजिम अली, हाफिज वाहिद अली, हाफिज काजिम अली, हाफिज मारूफ कादरी, हाफिज चांद , मोहम्मद सुल्तान कादरी, हाजी रज्जन बैग, समसुद्दीन मंसूरी सभासद, तौसीफ अहमद, महमूद बम्फुल, अनवार खलीफा, अलमुहम्मद राईन, अशफाक ग़ौरी, सैफ उल्लाह ख़ाँ बटीं, अमन अली, मोहम्मद शरीफ बरकाती, आदि सैकड़ो अकीदत मन्द मौजूद रहे। आखिर में सलातो सलाम के बाद आलमे इस्लाम की हिफाजत मुल्क में अमन चैन कायम रहने की दुआ मांग गई।
What's Your Reaction?