संघर्ष की मिसाल- लक्ष्मी,पति की मृत्यु के बाद अल्प शिक्षित लक्ष्मी बनी ब्लॉक प्रमुख
अमित गुप्ता
संवाददाता
कदौरा (जालौन) ब्लॉक प्रमुख के पद पर निर्विरोध निर्वाचित हुई लक्ष्मी देवी की कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा है हमीरपुर जिले के ग्राम नादेहरा के ग्रामीण अंचल में पैदा हुई लक्ष्मी देवी का बचपन गरीबी में गुजरा लेकिन उन्होंने अपने पिता की मर्जी पर जूनियर हाई स्कूल तक पढ़ाई की!
26 जनवरी 1985 को उनकी शादी कदौरा ब्लाक के क्षेत्र के ग्राम मरगाया मैं प्राइमरी विद्यालय के अध्यापक राम अवतार के साथ हो गई वर्ष 2004 में मोटर साइकिल व ट्रैक्टर की भिड़त मेंराम अवतार की मृत्यु हो गई लेकिन लक्ष्मी देवी ने अपना हौसला नहीं छोड़ा और पति के पेंशन से ही अपने बच्चों की परवरिश की उनके बड़े पुत्र उपेंद्र को अपने पिता की जगह पर मृदक आश्रित के रूप में नौकरी मिल गई लक्ष्मी देवी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2017 में की जब निर्दल उम्मीदवार के रूप में नगर पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा चुनाव हारने के बाद 2021 में बीडीसी पद पर ग्राम मरगाया से चुनाव लड़ी और निर्विरोध चुनाव जीती बाद में ब्लॉक प्रमुख के लिए भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी तो उसमें भी निर्विरोध विजयी रही ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मी देवी ने बताया है कि क्षेत्र की जनता का स्नेह बराबर मिला है जिसके चलते ब्लॉक के सभी ग्राम में कार्य करना है और जनता की समस्याओं का समाधान करना है तथा जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही उनका लक्ष्य है
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