ज्ञान से भी ऊंचा है प्रेम : हरभजन दास
वीरेंद्र सिंह सेंगर
इटावा। संपूर्ण क्षेत्र में ऐतिहासिक धार्मिक पौराणिक महत्व के सिद्धपीठ श्री पिलुआ हनुमान मंदिर पर हो रही श्रीमद्भागवत कथा एवं मारूति यज्ञ में प्रवचन करते हुए भागवत कथा व्यास महंत श्री हरभजन दास महाराज ने कहा कि ज्ञान से भी प्रेम का स्थान ऊंचा है, इसीलिए जब कृष्ण का संदेशा लेकर उनके ज्ञानी मित्र ऊधौ ब्रज में गोपियों के पास गए तो गोपियों की प्रेमाभक्ति के आगे उनकी एक न चली और उनका ज्ञान पराजित हुआ, गोपियों का प्रेम जीत गया।
उद्धव गोपी प्रसंग की चर्चा करते हुए महंत हरभजनदास महाराज ने कहा कि परमात्मा की प्राप्ति केलिए भक्ति ज्ञान और वैराग्य की त्रिवेणी का महत्व है लेकिन भगवान को प्रेम सबसे प्रिय है, मानस में गोस्वामीजी भी लिखते हैं, " रामहि केवल प्रेम पियारा। जान लेहु जो जाननि हारा।" यह प्रेम भक्ति से प्रकट होता है। ऊधौ जी केवल ज्ञान के बल पर गोपियों को समझाने गए थे, पर गोपियों की कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेमाभक्ति के आगे उनकी एक न चली और उन्होंने उनसे साफ साफ कह दिया कि " ऊधौ मन न भए दस बीस, एक हतो सो गयो श्याम संग को अवराधे ईश "। फिर क्या वे उनके सामने नतमस्तक हो गए।
इसके बाद उन्होंने रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई जिस पर भक्त श्रद्धालु झूमकर नृत्य कर उठे। इस अवसर पर श्री नीलकंठ मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार वाजपेई, श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल के कोषाध्यक्ष राम मनोहर दीक्षित, प्रेम किशोर द्विवेदी, रघुवीर यादव, नवल किशोर शुक्ला, सुधीर मिश्र ने महाराजश्री का व्यास गद्दी पर माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र पहनाकर सम्मान किया।
साथ-साथ सभी सम्मानित श्रद्घालुओं से अप्रैल रविवार को (कल) होने वाले भव्य भंडारे में शामिल होने की अपील की गई।
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