ये हाल है उत्तर प्रदेश की एम्बूलैंस व्यवस्था का

अमित गुप्ता
कालपी (जालौन )
कालपी/जालौन मरीजों की सुविधा के लिए सरकार हजारों करोड़ रुपये खर्च कर एम्बूलैंस व्यवस्था दे रही है पर मरीजों के तीमारदार घंटो फोन लगाते रहते हैं पर य तो फोन लगता नहीं है और यदि लग भी जाये तो इतनी अधिक पूंछतांछ होती है कि गम्भीर रूप से बीमार य दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति प्रान ही त्याग दे !जबकि ऐम्बुलेंस के स्टाफ को मजबूर किया जाता है कि चौबीस घंटे में इतने केश देना ही है ! मजबूरन एम्बूलैंस स्टाफ नकली केश देकर अपनी नौकरी बचाता है !
प्रदेश सरकार मरीज एवं गर्भवती महिलाओं घायल व्यक्तियों के लिए ढेरों एम्बुलेंस सीएचसी कालपी से लेकर सड़कों में नजर आती है फिर भी आज एट गरीब व्यक्ति अपनी पत्नी को बीमारी हालत में ठिलिया में रखकर सीएचसी कालपी में ईलाज हेतु लाया। घटनाकृम के अनुशार
शुक्रवार के दिन नगर के मोहल्ला गणेशगंज निवासी लल्लू ने अवगत कराया कि मेरी पत्नी 40 वर्षीय नफीसा बीमार हो गई थी मैं घर से अपनी ठिलिया में रखकर ईलाज हेतु सीएचसी कालपी लाया था मौजूद चिकित्सा अधिकारी ने देखा दवा की और वापस जाने को कह दिया लिहाजा में अपनी बीमार पत्नी को दिखाकर अपने बाहन ठिलिया में लिटाकर घर की ओर जा रहा हूं ! कई बार मैंने एंबुलेंस को फोन लगाया जब मेरा फोन नहीं उठा वही आखिरकार मै बीमार पत्नी को लाने के लिए विवश हुआ।इलाज के बाद भी सीएचसी में तैनित डिकटर्स को दया नहीं आई और मजबूर होकर हाथ ठिलिया धकेल कर अपनी पत्नी को घर लाया !
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