समस्या समाधान का आश्वासन मिलने के बाद भी जायघा के तीन बूथों पर नहीं हुआ मतदान
जगम्मनपुर, जालौन। सड़क निर्माण की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार कर रहे ग्रामीणों को भाजपा की जिलाध्यक्षा एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा समस्या का समाधान किए जाने के आश्वासन के बाद भी ग्राम जायघा में मतदान नहीं हुआ।
माधौगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत जायघा के बूथ क्रमांक तीन व चार तथा ग्राम पंचायत में सम्मिलित मजरा ग्राम कर्रा के बूथ क्रमांक 05 पर पूर्व नियोजित योजना के तहत ग्रामीणों द्वारा मतदान नहीं किया गया। चुनाव का बहिष्कार करने की योजना की खबर कल 19 मई को देर रात सोशल मीडिया पंचनद न्यूज द्वारा प्रकाशित की गई थी जिसकी पुष्टि दूसरे दिन 20 मई मतदान के दिन तब हुई जब ग्राम जायघा व कर्रा तथा समीपवर्ती ग्राम मोहब्बतपुर समेत चार बूथो पर मतदान न होने की जानकारी प्रशासन को हुई । सूचना पाकर उपजिलाधिकारी माधौगढ़ विश्वेश्वर सिंह एवं क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र कुमार बाजपेई उक्त तीनों गांव पहुंचे एवं लोकतंत्र में वोट की कीमत व उसके महत्व को बताते हुए ग्रामीण को मतदान करने के लिए प्रेरित किया उपजिलाधिकारी के प्रयास से ग्राम मोहब्बतपुरा के बूथ क्रमांक 41 पर 2 घंटे विलंब से प्रातः 9:00 बजे मतदान प्रारंभ हुआ वहीं ग्राम पंचायत जायघा के तीनों बूथ क्रमांक तीन व चार जायघा तथा बूथ क्रमांक पांच ग्राम कर्रा पर मतदान शुरू नहीं हो सका । ग्रामीण किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि को बुलाने की जिद पर खड़े रहे। ग्रामीणो की मांग पर दोपहर लगभग 1:30 बजे भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्षा श्रीमती उर्विजा दीक्षित, क्षेत्रीय विधायक मूलचंद सिंह निरंजन ब्लाक प्रमुख रामपुरा अजीत सिंह सेंगर , पुष्पेंद्र सिंह सेंगर सदस्य जिला पंचायत , सुनील शर्मा पूर्व जिला उपाध्यक्ष सहित अनेक पदाधिकारी ग्राम जायघा पहुंचे जहां ग्रामीणों ने वर्षा ऋतु में बाढ़ के दौरान जायघा व कर्रा को पानी से घिर जाने पर आवागमन के रास्ते बंद हो जाने से उत्पन्न समस्या के निदान हेतु व जायघा एवं कर्रा से जगम्मनपुर तक लगभग 06 किमी सड़क मार्ग बनवाने एवं पहूज नदी पर पेंटून पुल के स्थान पर पक्का पुल बनवाने , जायघा में राजकीय इंटर कॉलेज तथा ग्राम कर्रा में बारात घर बनवाने की मांग का प्रार्थना पत्र देकर लिखित अनुरोध किया। जिलाध्यक्षा श्रीमती उर्विजा दीक्षित एवं क्षेत्रीय विधायक मूलचंद सिंह निरंजन द्वारा चुनाव बाद सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का अपना निर्णय बरकरार रखा परिणाम स्वरूप उक्त तीनों बूथों मतदान नहीं हुआ।
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