न्याय की आश में पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

Aug 12, 2024 - 18:17
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न्याय की आश में पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

अमित गुप्ता 

उरई जालौन 

उरई, जालौन थाना रामपुरा में न्याय की आस में पीड़ित महिला ने पुलिस अधीक्षक जालौन डॉ. दुर्गेश कुमार से न्याय की गुहार लगाई है। मामला गांव छौना की निवासी मुन्नी देवी पत्नी चतुर सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पड़ोसी मूलचरन राठौर ने उनके परिवार के खिलाफ लगातार उत्पीड़न किया है, लेकिन थाना रामपुरा की पुलिस ने इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।

मुन्नी देवी ने आरोप लगाया कि मूलचरन राठौर कई बार रात्रि के समय अपनी छत से उनकी छत पर टोर्च की रोशनी लगाकर ताक-झांक करता रहा। कई बार गांव वालों के साथ मिलकर समझाया गया, लेकिन मूलचरन ने अपनी हरकतें नहीं छोड़ी। 24 जुलाई को, जब मुन्नी देवी का पति हलवाई के साथ गांव में खाना बनाने गया था, तब अत्यधिक गर्मी के कारण मुन्नी देवी घर के बरामदे में चारपाई पर लेटी थी। इस दौरान, मूलचरन पेशाब करने के बहाने आया और कपड़े उतारकर गंदी हरकतें करने लगा। जब मुन्नी देवी ने विरोध किया, तो उसने गंदी-गंदी गालियाँ दी और उसे बदनीयत से पकड़ने की कोशिश की। मुन्नी देवी के पति के घर लौटने पर, मूलचरन ने अपने घर में घुसकर बचाव किया।

पीड़ित महिला ने इस घटना की जानकारी गांव वालों को दी, जिन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए मूलचरन को समझाया। लेकिन मूलचरन और उसकी मां विद्या देवी की अभद्र टिप्पणियों और धमकियों के बावजूद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बावजूद, थाना रामपुरा में शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 5 अगस्त को पुनः शिकायत करने पर, थाना रामपुरा पुलिस ने महिला को अभद्र व्यवहार करके भगा दिया और कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

मुन्नी देवी का आरोप है कि पूर्व में उनके और मूलचरन के बीच झगड़ा हुआ था, जिसमें मूलचरन नाली में गिरकर घायल हो गया था। इसके बावजूद, मूलचरन ने उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई और उन्होंने समझौता करने के लिए दबाव बनाया। इस झगड़े के लिए मुन्नी देवी ने लगभग 40 हजार रुपए खर्च किए, लेकिन फिर भी मूलचरन ने उनकी झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई और अब भी वह उसे परेशान कर रहा है।

थाना अध्यक्ष रामपुरा योगेंद्र कुमार पटेल से इस मामले की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया गया। उन्होंने इस घटना को झूठा बताते हुए कहा कि यह एक बनाई गई कहानी है और पुलिस द्वारा किसी भी समझौते का दबाव बनाने की बात भी असत्य है। इस तरह के दावे से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और लोगों का न्याय पर से विश्वास कम हो रहा है।

पीड़ित महिला ने अब पुलिस अधीक्षक जालौन से न्याय की गुहार लगाते हुए अपनी आत्मरक्षा और ठोस कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने पुलिस की निष्क्रियता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और लोगों में न्याय की प्रक्रिया को लेकर गहरा संदेह पैदा किया है।

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