कार्तिक पूर्णिमा को श्रृद्धा भाव से की गई भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा

कोंच (जालौन) सनातन संस्कृति में पर्वों और त्योहारों की बहुत मान्यता है और सभी त्योहार श्रृद्धा के साथ मनाए जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा भी उन्हीं में से एक है इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है भगवान को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीहरि विष्णु के साथ साथ तुलसी की भी पूजा की जाती है
सनातनी घरों में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा लोगों ने श्रृद्धा भाव से करते हुए उन्हें खीर और नैवेद्य निवेदित किया विद्वान पं. देवेंद्र कुमार मिश्रा जी बताते हैं कि इस दिन तुलसी का पूजन पूरे विधि-विधान के साथ करें और विष्णु जी के भोग में भी तुलसी दल भी रखें मान्यता है कि इस दिन जो तुलसी का पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें विष्णु जी की कृपा भी प्राप्त होती है उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति में सबसे पवित्र पौधों में एक तुलसी को भी माना जाता है इस पौधे को घर में लगाना बहुत शुभ होता है और इसके पूजन से घर में समृद्धि बनी रहती है ऐसी मान्यता है कि यदि आप अपने घर में यह पौधा सही स्थान पर लगाएं और नियमित रूप से इसकी पूजा करें तो यह सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को अवशोषित करने में मदद करता है मान्यता यह भी है कि तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है और इसी वजह से इसे विष्णु प्रिया भी कहा जाता है ऐसी मान्यता है कि जिस घर में तुलसी की पूजा होती है उसमें सदैव माता लक्ष्मी निवास करती हैं कार्तिक के पूरे महीने को भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और यदि आप इस पूरे महीने में तुलसी की पूजा करते हैं तो विशेष फलों की प्राप्ति होती है यही नहीं कार्तिक महीने में नियमित रूप से तुलसी को जल अर्पित करने से कई दोषों से मुक्ति मिलती है कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी का पूजन करने और उनके समक्ष दीपक जलाने से पूरे कार्तिक महीने में नियमित दीपक जलाने के बराबर फल मिलता है।
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