पौराणिक टकसाल पर अवैध कब्जे की कोशिश, हिंदू संगठनों ने की कार्रवाई की मांग

Dec 5, 2024 - 19:05
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पौराणिक टकसाल पर अवैध कब्जे की कोशिश, हिंदू संगठनों ने की कार्रवाई की मांग

कालपी (जालौन) नगर के मुहल्ला सदर बाजार क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व की जगह, पौराणिक सिक्का ढालने की टकसाल, पर अवैध कब्जा करने की कोशिशों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय पदाधिकारी नीलाभ शुक्ला और बजरंग दल के पदाधिकारी दीपक शर्मा ने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, विक्रम संवत 1105-1145 के दौरान महाराज रतन सिंह जाजल्लदेव के शासनकाल में इस टकसाल की स्थापना की गई थी। यह ऐतिहासिक स्थल न केवल कालपी के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है, बल्कि प्राचीन संस्कृति और इतिहास के साक्ष्य भी प्रस्तुत करता है। हिंदू संगठनों का दावा है कि यह स्थान वर्षों से भूमाफियाओं के निशाने पर है, जो समय-समय पर इस पर अवैध कब्जे का प्रयास करते रहे हैं।

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वर्तमान में भी कब्जे का प्रयास

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5 दिसंबर 2024 को कुछ अराजक तत्वों द्वारा इस स्थल पर कब्जा करने का प्रयास किया गया। हिंदू संगठनों ने इस घटना को लेकर गहरी आपत्ति जताई है और इसे ऐतिहासिक धरोहर पर सीधा हमला बताया है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से इस कब्जे को रोके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

संरक्षण की मांग

हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस पौराणिक स्थल को संरक्षित किया जाए और इसे संरक्षित धरोहर घोषित किया जाए। संगठनों का कहना है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाए, तो यह ऐतिहासिक स्थल भूमाफियाओं के कब्जे में चला जाएगा।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

स्थानीय लोगों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह स्थल केवल कालपी ही नहीं, बल्कि पूरे जिले की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है। इसे बचाने की जिम्मेदारी सभी की है। ऐसे में कालपी के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को बचाने के लिए नागरिकों और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह अनमोल धरोहर नष्ट हो सकती है।

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