ग्राम बरहा में अवैध शराब का कारोबार, प्रशासन की अनदेखी से बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी
अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई जालौन। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बरहा में अवैध शराब के कारोबार ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि गांव के युवाओं की जिंदगियों को भी बर्बाद कर दिया है। प्रशासनिक उदासीनता और पुलिस व आबकारी विभाग की अनदेखी के चलते यह गैरकानूनी धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।हाल ही में 25 वर्षीय युवक उमेश (पुत्र राजकुमार) की आत्महत्या ने इस गंभीर समस्या को उजागर किया है। जानकारी के अनुसार, उमेश शराब का आदी हो चुका था और इस आदत के चलते उसका परिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा था। रोजाना के झगड़ों और मानसिक तनाव के कारण उसने 25 दिसंबर की रात फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।ग्राम बरहा में दो-तीन लोग लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह कारोबार खुलेआम चल रहा है, लेकिन प्रशासन की नजर अब तक इस ओर नहीं गई। न तो कोतवाली पुलिस इस पर कार्रवाई करती है और न ही आबकारी विभाग इसे रोकने के लिए कोई कदम उठाता है।गांव में आसानी से उपलब्ध अवैध शराब के कारण कई युवा इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। यह समस्या सिर्फ उमेश तक सीमित नहीं है, बल्कि कई परिवारों को प्रभावित कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के चलते इस धंधे में लिप्त लोगों के हौसले बुलंद हैं।अवैध शराब का कारोबार दंडनीय अपराध है, लेकिन बावजूद इसके बरहा जैसे गांवों में यह धंधा फल-फूल रहा है। यह प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आखिर क्यों अब तक इस अवैध गतिविधि पर कार्रवाई नहीं हुई?ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं ताकि गांव के युवा इस बर्बादी से बच सकें।बरहा की यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में और भी कई परिवार इस अवैध शराब के जाल में फंस सकते हैं।
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