अल्लाह ने इंसानों को अपनी इबादत के लिये पैदा किया - मौलाना रहबर

कोंच ( जालौन) जबाहर नगर ( सागर तालाब) स्थित नगर की मशहूर हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक दरगाह आस्ताना- ए -कलन्दरिया पर सालाना तीन रोजा उर्से कलन्दरी का 85 वां जश्न जलसा शोहदाये कर्बला, जिक्रे औलिया इकराम व नातिया मुशायरा बाद नमाज इशा 9 बजे से मुनअक़िद किया गया। जिसकी सदारत दरगाह के सज्जादा नशीन हाजी आरिफ अली शाह व निजामत नाजिमे उर्स हाफिज अताउल्ला खां ग़ौरी, हजरत कारी आरिफ रहमानी साहब औरैया ने संयुक्त रूप से अंजाम दिए । जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हजरत कारी अजमत अली कादरी व नाते रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से हाफिज मोहम्मद यूसुफ ने किया। मुकर्ररे खुसूसी हजरत अल्लामा मौलाना मोहम्मद रहबर साहब क़िब्ला ने अपनी नूरानी तकरीर में कहा अल्लाह ने इंसानों को अपनी इबादत के लिए पैदा किया। इसलिये हमे चाहिए अपने रब की इबादत करें आका करीम की सुन्नतों पर चले औलिया इकराम से मुहब्बत लिहाजा अल्लाह से मुहब्बत है। इन से मोहब्बत करें और उनके बताए हुए रास्ते पर चलें।दीन दुनिया दोनों जगह की कामयाबी हासिल करें। इस मौके महमाने खुसूसी हजरत कारी मौलाना शाहिद रजा साहब जौनपुरी ने बहतरीन अंदाज में नात मनकबत पढ़ीं और अपनी हक्कानी तकरीर में कहा नोजबानों से इल्म हासिल करने पर जोर दिया ।उन्होंने कहा गुनाहों से बचो। अगर कामयाब होना चाहते हो तो प्यारे रसूल की सुन्नतों पर अमल और अल्लाह के हुक्म पर चल कर दीन दुनिया की कामयाबी हासिल करो।
।इससे पहले मन्नू पेंटर, रहमत अली, कासिफ रहमानी आदि उलमाए किराम , नात ख़्वा हजरात ने प्रोग्राम में रौनक बख्सी। इससे पूर्व दिन में 2 बजे चादर शरीफ का गस्त पूरे नगर होते हुए दरगाह शरीफ वापस हुआ बाद नमाज मगरिब 7 बजे गुल पोशी , चादर पोशी हुई।
जलसे में शिरकत करने वालों में हाफिज निजाम अली, हाफिज साबिर बरकाती, हाफिज सलमान अजहरी, हाफिज इमरान, हाफिज काजिम , मोहम्मद उमर, सैफ उल्ला खां वटीं, हाजी रज्जन बैग, सभासद समसुद्दीन मंसूरी, सैय्यद महबूब अली बम्फुल मंसूरी, , पप्पू ताले वाले,अलामुहम्मद राईन, अशफाक ग़ौरी, अमन अली, मोहम्मद शरीफ बरकाती, आदि सैकड़ो अकीदत मन्द मौजूद रहे। आखिर में सलातो सलाम के बाद आलमे इस्लाम की हिफाजत मुल्क में अमन चैन कायम रहने की दुआ मांगी गई।
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