भारतीय चमार महासभा ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौपा

संवाददाता
अमित गुप्ता
उरई (जालौन) भारतीय चमार महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज अहिरवार के नेतृत्व में संगठन के जिलाध्यक्ष राकेश नीलम एडवोकेट आदि ने आज सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भेंट करते हुए बताया कि डॉ अम्बेडकर भारतीय संविधान निर्माता एवं भारत देश के प्रथम श्रम मंत्री भारत सरकार द्वारा देश में श्रम विभाग का गठन एवं योजनायें बनायी गयीं थी जिसको वर्तमान सरकारों द्वारा खत्म कर दी जा रही हैं जिसे चालू करवाया जाये।
देश में कुल आबादी में 70 प्रतिशत लोग आज भी मजदूरी करते हैं और मजदूरी पर निर्भर भी है। जिसमें से सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के महिला पुरूष असंगठित क्षेत्र में मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। जिनके लिए परम पूज्य बाबा साहब अम्बेडकर जी 40 प्रकार के लोक मजदूर माना है और शुरूआती दौर में 40 प्रकार की लाभकारी हितकारी योजनायें संचालित कराई गयीं थी। लेकिन पूर्व की एवं वर्तमान सरकार ने योजनाओं स्थिर करने कार्य किया जिसमें वर्ष 2012 में 25 योजनायें ही संचालित रह पायीं। वर्ष 2017 में 17 योजनायें ही संचालित रह पायीं। वर्ष 2022 में 11 योजनायें ही संचालित बचीं है। वर्ष 2023 में 7 योजनायें ही संचालित हो रही हैं। इन उपरोक्त योजनाओं से देश में विभिन्न प्रकार के मजदूरों का योजनाओं के द्वारा काफी लाभ मिलता था। लेकिन अब देश का तबका मजदूर वर्ग के सभी तरफ के हक अधिकार सरकार ने खत्म करने का कार्य किया है। जिससे भारत देश के मजदूर वर्ग जसे पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति, अल्प संख्यक इन मजदूर वर्गों के मजदूर महिला पुरुषों का बहुतबड़ा नुकसान हो रहा है जिससे सरकार के खिलाफ रोष व्यप्त है। भारतीय चमार महासभा द्वारा आपसे मांग की जाती है कि उपरोक्त पूर्व में समाप्त की गई लाभकारी एवं हितकारी योजनाओं को पुनः शुरू करायी जायें और पूर्व की भाँति देश के सभी प्रकार के मजदूरों को लाभांन्वित किया जाये। इस मौके पर प्रमुख रूप से मोती लाल चमार, बाबा दीन सहित आदि संगठन के लोग मौजूद रहे।
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