पुलिस को चकमा देकर फर्जी बैनामा कांड के मुख्य आरोपी ने अदालत में किया सरेंडर

Feb 16, 2024 - 18:26
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पुलिस को चकमा देकर फर्जी बैनामा कांड के मुख्य आरोपी ने अदालत में किया सरेंडर

जिला संवाददाता

अमित गुप्ता

कालपी जालौन

कालपी (जालौन) बीते 28 अगस्त को ग्राम छौंक में हाइवे किनारे की बेशकीमती भूमि का षणयंत्र कर फर्जी बैनामा किये जाने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। फर्जी बैनामा कांड के मुख्य आरोपी ने पुलिस को आइना दिखाते हुए चकमा देकर कालपी की मुंसिफ कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। जिसके बाद अब इस बैनामा के रहस्य से जल्द पर्दा उठने की सम्भावनाएं प्रबल हो गयी हैं।

     ज्ञात हो कि गत 28 अगस्त को तहसील क्षेत्र के छौक गाँव निवासिनी विद्या देवी की हाईवे किनारे स्थित वेशकीमती जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा हो गया था जिसकी जानकारी भूस्वामिनी को सितम्बर माह में हुई थी और उसने इस गड़बड़झाले की शिकायत समाधान दिवस में की थी। मामला सुर्खियो में आया तो कार्यवाही से बचने के लिए जमीन के खरीददार भी सक्रिय हो गए थे और आनन फानन मामले में संलिप्त रजिस्ट्री कार्यालय और राजस्व विभाग से मिलकर बैनामा कैँसिल करा लिया था और धोखाधड़ी कर धन हडपने के आरोप लगाकर जमीन खरीददार कोमल सिंह यादव की तहरीर पर संदीप ठाकुर सहित आधा दर्जन नामजद तथा लगभग एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओ में मामला दर्ज कर लिया था। मामले की पुलिस द्वारा जांच शुरू की गई तो मामले बैँक अधिकारी कर्मचारियों, आधार कार्ड बनाने वाले समेत नकली विद्या देवी सहित लगभग 13 लोग जद में आ गए जिनके खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया था। पुलिस की पकड़ से बाहर रहे आरोपितों के खिलाफ जाँच जारी रही। कुछ दिनों पूर्व पुलिस ने पहले पकड़कर छोडे गए नामजद राहुल को पुनः गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद पुलिस ने नामजद आरोपी रामसिँह के भाई और नगर के एक स्टांप वैन्डर तथा मुख्य आरोपी के रिश्तेदार को भी हिरासत में लिया था और कई दिनों तक चली पूछताछ और जाँच के बाद दो को तो छोड दिया था लेकिन मामले में संलिप्ता पाये जाने पर मंगलवार को मुख्य आरोपी के रिश्तेदार दिनेश सिंह निवासी सरसेला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। परंतु मुख्य आरोपी लगातार पुलिस की पकड़ से दूर था। परन्तु करीबी रिश्तेदार के जेल जाने के बाद मुख्य आरोपी ने कालपी नगर में अपना नेटवर्क स्थापित करके सरेंडर की योजना बनाई। मुख्य आरोपी के प्लान और नेटवर्क ने पुलिस के सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया व उसने बड़ी आसानी से निडरता के साथ दिनदहाड़े भरी दोपहर में समय लगभग 1 बजे अदालत में जज के समक्ष सरेंडर कर दिया।

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