जहरीला पदार्थ खाने से दो दोस्तों की हुई मौत, नगर में छाया मातम
जिला संवाददाता
अमित गुप्ता
कालपी जालौन
कालपी(जालौन) देर रात एकांत स्थल में बैठकर जहरीले पदार्थ का सेवन करने से दो दोस्तों की मौत हो गई। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण करके दोनों शवों को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। वही मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुराने नुमाइश ग्राउंड में रहने वाले रामप्रकाश श्रीवास्तव की फुलपावर चौराहे में मेडिकल स्टोर है। मेडिकल स्टोर में प्रकाश का छोटा 22 वर्षीय पुत्र अमन वर्मा संचालन करता था तथा आलनपुर निवासी 22 वर्षीय बालेन्द्र पाल पुत्र रमेश पाल में मेडिकल स्टोर में काम करता था। अमन तथा बालेंद्र के मध्य गहरी दोस्ती थी। बताते है कि देर रात मेडिकल स्टोर बंद करके दोनो दोस्त नगर के एकान्त स्थल कर्बला रोड में बैठने गए। वही पर दोनों दोस्तो ने जहरीला पदार्थ का सेवक कर लिया। जब दोनों की हालत बिगड़ने लगी तो एक दोस्त ने अपने घर फोन करके विषाक्त पदार्थ खाने की जानकारी दी। आनन-फानन में दोनो के पारिवारिकजन मौके पर पहुँचे तथा बेहोशी की हालत में अमन तथा बालेन्द्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी में भर्ती कराया। प्रारम्भिक उपचार के बाद चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश गुप्ता ने दोनों को मेडिकल कॉलेज उरई के लिए रिफर कर दिया। इलाज के दौरान दोनों दोस्तो ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इनसेट
दोनों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
देर रात दो दोस्तों ने एक साथ जहरीला पदार्थ खाने से दोनों की मौत हो गई। एक साथ दो युवकों की मौत की घटना से दोनों परिवारों में दुख का पहाड़ टूट गया। मेडिकल संचालक अमन वर्मा का एक वर्ष पूर्व विवाह हुआ था तथा दो माह एक बच्चा भी है। वही बालेन्द्र अभी अविवाहित था। दोनो के घरों में जब मौत की खबर पहुँची तो घर मे मातम छा गया। अमन की पत्नी व घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। सुबह से ही मृतक के घरों में शोक जताने वालो की भीड़ लगी रही।
साहित्य एवं ग्रंथो की कल्पना से चुना मौत का रास्ता
नगर के मोहल्ला आलमपुर निवासी दोनों दोस्तों अमन वर्मा तथा बालेंद्र पाल के द्वारा जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। नगर में दिनभर दोनो के मौत की चर्चाएं होती रही। सूत्रों के मुताबिक दोनो दोस्त काल्पनिक ग्रंथ तथा साहित्य पढ़ते व धार्मिक वीडियो भी सोशल मीडिया में देखते रहते थे। दोनो के सोशल एकाउंट से उजागर होता है कि मानसिक रूप से साहित्य पढ़ते-पढ़ते दोनों ने मौत का रास्ता चुन लिया।
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