विद्यालय में आयोजित जयंती में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन को याद किया

कालपी (जालौन) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के नेग राजर्षि पुरुषोत्तम दास टन्डन की जयंती समारोह स्थानीय नगर में धूमधाम से मनाई गई। मौके पर उनकी देश सेवाओं एवं सामाजिक कार्यों में प्रकाश डालते हुए जीवनी का अनुसरण करने का आव्हान किया गया।
स्थानीय नगर के मोतीचंद्र विद्या निकेतन सदर बाजार में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी संस्था न्यू लोक कल्याण सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं शिक्षक सुरेश चंद्र वर्मा ने कहा कि राजर्षि टन्डन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं देश के महान नेता के अलावा समर्पित राजनयिक, हिंदी के अनन्य सेवक, पत्रकार तथा समाज सुधारक भी थे। हिंदी को भारत की राजभाषा में प्रतिष्ठित करने में टंडन जी का महत्वपूर्ण योगदान था। कार्यक्रम की आयोजक एवं समाजसेवी संस्था घुमंतू हसन्तू क्लब के अध्यक्ष जय खत्री ने उनकी जीविका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1 अगस्त 1882 में इलाहाबाद में जन्मे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन को भारत के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में नई चेतना, नई लहर तथा नई क्रांति पैदा करने वाला कर्मयोगी कहा गया है। सन 1961 में भारत सरकार ने टंडन जी को भारत रत्न से सम्मानित किया। इस मौके पर विद्यालय के छात्राओं ने गीत गजल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। समारोह में दीपक धवन, रमेश, विनोद खत्री, अजय कक्कड़, राम आदर्श, राजेश खत्री, ओमप्रकाश राय प्रिंसिपल, उप प्रधानाचार्य शशिकांत, रविंद्र श्रीवास्तव एडवोकेट, अमर सिंह चंदेल आदि ने विचार व्यक्त करते हुए राजर्षि टंडन जी की जीविका पर प्रकाश डाला।
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