उच्च प्राथमिक विद्यालय तरीबुल्दा की शिक्षण व्यवस्था के हाल बेहाल

Dec 12, 2023 - 19:34
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उच्च प्राथमिक विद्यालय तरीबुल्दा की शिक्षण व्यवस्था के हाल बेहाल

संवाददाता

अमित गुप्ता

कालपी/जालौन नगर के मोहल्ला तरीबुल्दा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिषण व्यवस्था मजाक से काम नहीं है। यह शिक्षक साथ छात्र भी गायब रहते हैं। विद्यालय की देखरेख का जिम्मा महिला को दे रखा है। जो विद्यालय खोलने से लेकर बंद करने की जिम्मेदारी निभाती है। वैसे तो परिषदीय शिक्षा के हाल किसी से छिपी नहीं हैज्यादातर विद्यालयों में शिक्षा सिर्फ मिड डे मील तक सीमित रह गई है।हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग विभिन्न तरह के अभियान चलाकर लोगों को परिषदीय शिक्षा के प्रति आकर्षण करने की कोशिश कर रहा है शिक्षकों को दाखिला बढ़ाने के भी निर्देश विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए जाते हैं लेकिन इसके बाद भी इन विद्यालयों की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं है नगर के मोहल्ला तरीबुल्दा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय विभाग की बढ़ाहल व्यवस्थाओं का उदाहरण है विभागीय सूत्रों की माने तो इस विद्यालय में 25 छात्र पंजीकृत हैं। और यहां की शिक्षण व्यवस्था की जिम्मेदारी शिक्षक राम प्रकाश राय कवार के पास है और हालांकि की इस विद्यालय के अलावा उन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालय मनीगंज और प्राथमिक विद्यालय राजघाट की वित्तीय जिम्मेदारी मिली हुई है। लेकिन सोमवार को तरीबुल्दा स्थित इस विद्यालय में वह मौजूद नहीं थे। साथ छात्रों की उपस्थिति भी शून्य थी। आल्हा की विद्यालय में मौजूद महिला मिड डे मील बनाने की बात कर रही थी। वही विद्यालय के पास रहने वालों ने बताया है कि शिक्षक की नामौजूदगी और शिक्षण व्यवस्था खराब होने के चलते इस विद्यालय में कोई भी अपने बच्चों को नहीं भेजना चाह रहा है।इस संबंध में जब शिक्षक राम प्रकाश से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अन्य विद्यालयों की व्यवस्था देखने गए थे हालांकि छात्रों की अनुपस्थिति का उनके पास किसी प्रकार का जवाब नहीं था वहीं नगर शिक्षा अधिकारी सुनील राजपूत ने कहा कि विद्यालय में छात्र और शिक्षकों की अनुपस्थित गंभीर विषय है। दांत में अगर मामला सही निकला तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

नगर में परिषदीय शिक्षा की बदहाली के लिए विभाग भी जिम्मेदार

मालूम होगी नगर क्षेत्र में विभाग के पास 21 परिषदीय विद्यालय हैं। जिसमें आठ विद्यालय उच्च प्राथमिक स्तर के हैं। इन विद्यालय में लगभग 200 छात्राएं पंजीकृत हैं पर शिक्षकों की संख्या महज 14 है जिसके चलते कई शिक्षकों के पास एक से अधिक विद्यालयों के संचालन की जिम्मेदारी है। हेलो हेलो और शायद इसी वजह से नगर क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था महज मजाक बनकर रह गई है।

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