जिला दीवानी न्यायालय सभागार में तम्बाकू निषेध विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
अमित गुप्ता
उरई जालौन
उरई (जालौन) राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों तथा अनुरागिनी संस्था उरई के सहयोग से एवं माननीय जिला न्यायाधीश श्री लल्लू सिंह की अध्यक्षता में आज जिला दीवानी न्यायालय सभागार में तम्बाकू निषेध विषय पर जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस शिविर की अध्यक्षता करते हुये जनपद न्यायाधीश श्री लल्लू सिंह ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों से अनेकानेक घातक बीमारियां हो जाती है। तम्बाकू में पाये जाने वाले घातक रसायन से कैंसर जैसा असाध्य रोग बहुतायत में हो रहा है। इससे मरने वालो की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है जो अत्याधिक चिन्ता का विषय है।जनपद न्यायाधीश श्री लल्लू सिंह द्वारा उपस्थित न्यायिक अधिकारियों, विद्वान अधिवक्तागण, कर्मचारीगण को धूम्रपान न करने की शपथ भी दिलायी गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एन. डी. शर्मा ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों और तम्बाकू को कैसे छोड़ा जाये इसकी विस्तृत जानकारी दी ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालौन के प्रभारी सचिव श्री अर्पित सिंह द्वारा धूम्रपान निशेध अधिनियम की धाराओं को विस्तार से बताया। उन्होने कहाकि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना दण्डनीय अपराध घोशित हो चुका है।जिला तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जिला परामर्शदाता श्रीमती तृप्ति यादव ने बताया कि तम्बाकू में मौजूद निकोटीन अत्यधिक नशे की लत है और तम्बाकू का उपयोग हृदय और श्वसन रोगों, 20 से अधिक विभिन्न प्रकार या कैंसर के उपप्रकार और कई अन्य दुर्बल स्वास्थ्य स्थितियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। हर साल 80 लाख से अधिक लोग तम्बाकू के सेवन से मर जाते हैं।
इस जागरूकता कार्यक्रम का संचालन अनुरागिनी संस्था के अध्यक्ष डा. प्रवीण सिंह जादौन द्वारा किया गया। अनुरागिनी संस्था के सचिव श्री रवीन्द्र परमार द्वारा सभी अतिथियों का अभिनन्दन किया एवं स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। इस अवसर पर जिला बार संघ के अध्यक्ष श्री गिरीश श्रीवास्तव, अपर जिला जज श्री मुहम्मद कमर, सिविल जज सी.डि./एफटीसी श्रीमति अनुकृति सन्त, सिविल जज जूडि जावेद खान, प्रियंका सरन, अपर सिविल जज (जूडि) सुश्री शैलजा, निकिता सिंह, सुधांशु सिंह, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट चन्द्रभान सिंह, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य सुरजीत सिंह, आशा संस्थान उरई के प्रमुख राजेन्द्र सिंह भदौरिया, विद्वान अधिवक्तागण, तृतीय एवं चतुर्थश्रेणी कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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