वास्तविक दोषियों से क्या डर रहा प्रशासन, आखिर प्रशासन सरकारी जमीनों को खाली कराने के आदेश के बावजूद कार्यवाही ढीली क्यों
अवैध अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद,शिथिलता के पीछे क्या अपनाया जा रहा सेटिंग गेटिंग फॉर्मूला
कालपी जालौन कालपी तहसील क्षेत्र में इन दिनों वन विभाग की जमीन पर व्याप्त अतिक्रमण का मामला सुर्खियों में है चाहे आलमपुर बाईपास हो चाहे राजघाट हो या फिर यमुना पुल के आसपास का एरिया चाहे हरीगंज हो शहर के नामचीन भू माफियाओं,पूर्व के वन अधिकारियों एवं पूर्व के राजस्व अधिकारियों एवं नगरपालिका की मिली भगत से करोड़ों की संपत्ति को औने पौने दामों में बेचकर कब्जा करवा करवा कर लोगों ने सोने के महल से खड़े करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी थी और जब जब शासन और प्रशासन की नजरें टेढ़ी हुई तो चांदी के खनक की आवाज के आगे कार्यवाही की आवाज दबा दी गई क्या इस बार भी चांदी की खनक की आवाज से कार्यवाही ढीली पड़ जाएगी इस बात की चर्चाएं शहर के आमजन गली कूचे में करते नजर आ रहे हैं बड़े मजे की बात तो यह है कि जिन लोगों को यह फर्जी तरीके से कब्जे कराए गए हैं उनमें से भी कई लोग प्रशासन और शासन से मांग कर रहे हैं कि वास्तविक सच्चाई सामने आनी चाहिए यदि वन विभाग दोषी तो उस पर और यदि भूमाफिया दोषी तो उन पर चाहे नगरपालिका हो या राजस्व कर्मी हो कोई भी उन पर ऐसी वैधानिक कार्रवाई हो कि आने वाली पीढ़ियां याद रखें की सरकारी संपत्ति में कब्जा करना कितना महंगा पड़ सकता है और फिर लोग इस तरह से गलत कार्य करने से परहेज करने लगें जनहित में न्याय प्रिय जिलाधिकारी एवं निष्पक्ष कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले आईएएस अभिषेक कुमार से जनहित में मांग की जाती है कि शीघ्र से शीघ्र वैधानिक कार्रवाई कर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरें!
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*भूमाफिया कैसे कराते हैं कब्जे*
कालपी में कब्जा करने और कराने की परंपरा सी बनती चली जा रही है बुजुर्गों की माने तो आस्था के साथ भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते यह फितरती! कभी किसी महापुरुष के नाम पर पार्क तो कभी धार्मिक आस्था का केंद्र बताकर इन माफियाओं ने लोगों को जमा करना शुरू किया फिर आस पास कितनी जमीन किस विभाग में आती है उस पर ध्यान देना शुरू किया और धीमे-धीमे कटीली झाड़ियों से घेरना शुरू कर देते हैं फिर बस समतलीकरण के बाद प्लाटिंग जो गया कमजोर हुआ तो डरा दिया जबर हुआ तो उसे ऐसे सब्जबाग दिखा दिये तो वही पार्टनर नगरपालिका हो चाहे राजस्व विभाग और बस फिर क्या था जब कुछ भी न लगाए लाखों की आमदनी हुई तो फिर क्यों ना व्यक्ति ऐसे कार्यों को और करेगा?
*अगर गरज गया बाबा का बुलडोजर तो कई चेहरे हो जाएंगे बेनकाब*
कालपी!आपको बताते चलें हर वो शक्स दबी जुबान से चिल्ला रहा है कि एक बार बाबा का बुलडोजर गर्जना ही नहीं बल्कि चलना भी चाहिए क्योंकि लोगों ने किए करोड़ों के वारे न्यारे उसकी रिकवरी भी होनी जरूरी है गरीबों निर्बलों की मांग है कि उनमें किसी को एक कमरे की जगह कब्जे के नाम पर 20 से 50 हजार में दी गई परंतु देने वालों ने तो करोड़ों कमाए इसलिए जब रिकवरी होगी तो उन्हें इस बात की खुशी होगी कि अब उनकी पहुंच और रसूख और चांदी की जूती कहां गई यदि शासन और प्रशासन ने चाह लिया तो मात्र राजघाट किलाघाट यमुना पुल और आलमपुर बाईपास क्षेत्र से ही कई रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा और सरकारी मशीनरी का पूर्व के लोगों द्वारा किए गए दुरुपयोग का भी स्पष्टीकरण मिल जाएगा!
*कार्यवाही होनी चाहिए किस पर, आखिर की जा रही किन पर*
कालपी! बड़े हैरत की बात है कि प्रशासन बजाए अवैध कब्जा खाली कराने के नाप कराने के दोषियों को जेल भिजवाने के उन पूंजी पतियों पर जो वास्तविक इस गेम के खिलाड़ी हैं उन पर तो कार्रवाई करने से बच रहा है बेचारे पिसे जा रहे हैं वह गरीब जो बहुत ज्यादा शिक्षित भी नहीं है और बहुत ज्यादा संपन्न भी नहीं और जब से सुगबुगाहट नापतोल और वन विभाग द्वारा जमीन खाली करवाने की तेज हो चली है तभी से कुछ लोग कभी वन विभाग तो कभी किसी अन्य विभाग के नाम पर जाते हैं और अपने अपने तरीकों से उन्हें बचाने के नाम पर धन की उगाही करने से भी नहीं चूक रहे बेचारे गरीब इन परिस्थितियों को झेलते झेलते तंग आ चुके हैं और वे खुद ही मांग करने लगे कि जो कुछ भी होना है जल्दी हो कम से कम रोज की चिकचिक से तो मुक्ति पाएं उन्हें एक ओर प्लाट खरीदने से लेकर बनवाने में लगी धनराशि को बर्बाद जाने का डर उन्हें सता रहा है वहीं दूसरी और कुछ लोग उन्हें वसूली का जरिया बना रहे हैं जिसको लेकर आम लोग तनाव भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं!
*वन विभाग कारगर रणनीति के साथ उतरा रहा मैदान में*
कालपी! वन रेन्जर कालपी संजय यादव ने कहा कि जिसकी शह पर भी यह अतिक्रमण हुए हैं शीघ्र बेनकाब होंगे मेरा किसी से व्यक्तिगत कोई लेना देना नहीं है लेकिन मैं जिस बात की सरकार से पगार पाता हूं मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि उस हक को ईमानदारी से निभाऊँ! यादव ने कहा कि वन विभाग किसी भी सूरत पर अपनी जमीन खाली कराकर ही चैन लेगा वन विभाग का राजस्व विभाग के साथ सर्वे चल रहा है अति शीघ्र रिपोर्ट आते ही नाप जोख के बाद अवैध कब्जे खाली कराए जाने का प्लान बन चुका है यादव ने कहा कि विभाग से संबंधित हमारी रेंज की कोई भी समस्या किसी को है तो संबंधित बीट इंचार्ज कालपी हरिओम यादव या फिर मुझे रिपोर्ट कर सकते हैं उसको तत्काल अमल में लाया जाएगा!
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*कानून की अवहेलना करने वाले किसी भी सूरत में बख्शे ना जाएंगे -ज्वाइंट मजिस्ट्रेट*
कालपी!कानूनी कार्य में बाधा पहुंचाना या फिर कानून की अवहेलना करने वाले माफी के लायक नहीं होते उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए! हाँ लेकिन उस पारिस्थिति को जानना आवश्यक होता है उक्त बातें हैं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आईएएस अभिषेक कुमार ने कहीं!
अभिषेक कुमार ने कहा कि जमीन वन विभाग की है वन विभाग और राजस्व का संयुक्त सर्वे चल रहा है यदि वास्तव में वन विभाग राजस्व विभाग की जमीन में किसी ने धोखाधड़ी करके कब्जा किया है तो संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और सरकारी जमीन को खाली कराया जाएगा साथ ही जमीन की नपाई से लेकर खाली कराने तक में जो भी सरकारी खर्च आएगा वह खर्च भी संबंधित कब्जा धारी या कब्जे में पाए जाने वाले दोषियों से ही वसूला जाएगा एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझ पर किसी तरह का प्रेशर बनाने का कोई मतलब नहीं है हम तो बाहर के हैं चले जाएंगे शहर यही रहेगा यहां के लोग यही रहेंगे यदि कोई अच्छा कार्य हो तो उसमें सभी को सहयोग ही करना चाहिए अधिकारी आते जाते रहेंगे परंतु शहर यही रहेगा!